अयोध्या रेप केस में नया मोड़ आ गया है। दुष्कर्म पीड़िता के भ्रूण की डीएनए रिपोर्ट सपा नेता अभियुक्त मोईद अहमद के डीएनए से मैच नहीं हुआ।
अयोध्या रेप केस में नया मोड़ आ गया है। दुष्कर्म पीड़िता के भ्रूण की डीएनए रिपोर्ट सपा नेता अभियुक्त मोईद अहमद के डीएनए से मैच नहीं हुआ। सोमवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में अभियुक्त की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उक्त डीएनए रिपोर्ट राज्य सरकार की ओर से न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की गई। हालांकि, याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायालय ने अगली सुनवाई के लिए 3 अक्तूबर की तिथि नियत की है।
यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने अभियुक्त मोईद अहमद की जमानत याचिका पर पारित किया। पिछली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने निदेशक, विधि विज्ञान प्रयोगशाला को एक सप्ताह में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। अभियुक्त के अधिवक्ता ने बताया कि आदेश के अनुपालन में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट में दूसरे अभियुक्त राजू से डीएनए मेल खाने की बात तो कही गई है, लेकिन मोईद अहमद से नहीं। हालांकि अभियुक्त की ओर से ही मामले में अगली तिथि दिये जाने का अनुरोध किया गया।
अभियुक्त की ओर से दलील दी गई कि वह 71 वर्ष का वृद्ध व्यक्ति है और वर्तमान मामले में उसे राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है। वहीं राज्य सरकार का कहना है कि मामला बहुत ही गंभीर प्रकृति का है। पीड़िता नाबालिग है जिसके साथ दुराचार का आरोप अभियुक्त व उसके नौकर पर है। कहा गया कि घटना के बाद पीड़िता गर्भवती भी हो गई, जिसके गर्भपात के पश्चात डीएनए जांच के लिए सैंपल भेजा गया।