यूपी के 26 जिलों के 517 जनजातीय बहुल गांवों का विकास किया जाएगा। यह कार्य प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना के तहत कराया जाएगा। पीएम मोदी दो अक्तूबर को इस योजना की शुरुआत करेंगे।
उत्तर प्रदेश के 26 जिलों के 47 ब्लॉकों में स्थित 517 जनजातीय बहुल गांवों का बहु आयामी विकास किया जाएगा। यह कार्य प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान योजना के तहत कराया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी दो अक्तूबर को इस योजना की शुरुआत करेंगे। प्रमुख सचिव समाज कल्याण डॉ. हरिओम ने बताया कि योजना के तहत प्रदेश के ऐसे 517 गांव चिह्नित किए गए हैं, जिनमें 50 प्रतिशत से अधिक जनजातीय आबादी है। योजना से प्रदेश के 51 हजार से अधिक जनजातीय परिवार एवं तीन लाख से अधिक जनजातीय समुदाय के लोग लाभान्वित होंगे।
प्रदेश के आकांक्षी जिलों बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, चंदौली व सौनभद्र के 50 प्रतिशत से अधिक जनजातीय आबादी वाले गांवों को भी इस योजना में शामिल किया जाना प्रस्तावित है। योजना के तहत चयनित जनजातीय ग्रामों को संतृप्त किया जाएगा। इसमें आवास, सड़क, पेयजल, बिजली, आगंनबाड़ी केंद्र, मोबाइल मेडिकल यूनिट, कौशल विकास केंद्र, बहुउददे्शीय मार्केटिंग सेंटर एवं विद्यालयों की व्यवस्था कर अनुसूचित जनजातियों को सशक्त किया जाएगा।
योजना में कुल 26 जिलों अंबेडकरनगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चंदौली, देवरिया, गाज़ीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीरनगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर एवं सोनभद्र के 47 ब्लॉक व 517 जनजातीय बाहुल्य गांवों को चिह्नित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के संचालन के लिए 17 विभागों ग्राम्य विकास, जल जीवन मिशन-नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, विद्युत, वैकल्पिक ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, महिला कल्याण, बाल विकास एवं पुष्टाहार, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, आयुष, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, इलेक्ट्रानिक्स सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि, मत्स्य, पशुपालन एवं डेरी, पंचायतीराज एवं पर्यटन विभाग को ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
विभागों की कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के लिए केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय द्वारा आगामी 27 सितंबर को नई दिल्ली में राष्ट्रीय स्तर के मंथन शिविर का आयोजन किया जा रहा हैं। शासन स्तर पर भी मुख्य सचिव द्वारा सभी संबंधित विभागों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं।