सोनभद्र, संवाददाता। राबर्ट्सगंज नगर के विकास नगर कालोनी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ के
सोनभद्र, संवाददाता। राबर्ट्सगंज नगर के विकास नगर कालोनी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ के तीसरे दिन कथा वाचक कुणाल महाराज ने प्रह्लाद प्रसंग की कथा सुनाई। कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं भीड़ उमड़ी रही।
श्रीमद्भागवत कथा में कथा वाचक कुणाल महाराज ने कहा कि हमें भाग्यवादी नहीं बनना चाहिए, कर्मो पर विश्वास रखना चाहिए। दुख के समय में परीक्षा और आत्मा विश्लेषण करने के लिए ईश्वर की ओर से दिया गया अवसर होता है। कभी-कभी तो लोग समस्या से भयभीत होकर आत्महत्या का प्रयास भी करते हैं। आत्महत्या का प्रयास ईश्वर के प्रति आस्था और विश्वास की कमी है। कहा आत्मा अमर है, आत्महत्या करके आप केवल अपनी देह को नष्ट करते हो जो ईश्वर ने प्रदान की है। कहा कि भक्त प्रह्लात के पिता हिरण्यकश्यप दैत्यों के राजा थे। वह भगवान विष्णु को अपना शत्रु मानते थे। परंतु प्रह्लात भगवान विष्णु का परम भक्त थे। जब यह बात हिरण्यकश्यप को पता चला तो उसने उन पर अनेक अत्याचार किया। लेकिन फिर भी प्रह्लात की ईश्वर भक्ति कम न हुई। अंत में स्वयं भगवान विष्णु प्रह्लात की रक्षा के लिए नरसिंह अवतार लिया। नरसिंह ने हिरण्यकश्यप का वध किया था। परोपकारी बनो एवं प्रभु का सानिध्य प्राप्त करो। प्रभु हर जीव में चेतना रूप में विद्यमान है अत: प्राणियों से प्रेम करो। इस मौके पर मुख्य आयोजक अनंत राम वर्मा, मुख्य यजमान मालती देवी, पं. राहुल पांडेय, अमिय कुमार वर्मा, संगीता, रेनू वर्मा, मोनी वर्मा, मंजूसा वर्मा, सीमा द्विवेदी, मीना सिंह, संगीता सिंह, गोपाल सिंह, सालिक राम दूबे, पीतांबर प्रताप सिंह, सूबेदार सिंह, रूद्र प्रताप सिंह आदि रहे।