शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली में मस्जिद विवाद को लेकर जो चिंगारी सुलगी थी, वह अब पूरे प्रदेश में फैलती नजर आ रही है। शिमला के नेरवा इलाके में भारी तादाद में हिंदू समाज के लोग सड़कों पर उतर आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, करणी सेना और अन्य हिंदू संगठनों के आवाह्न पर लोगों ने गुरुवार को जमकर प्रदर्शन किया। हिंदू संगठनों ने नेरवा बाजार से डुंडी माता मंदिर तक रैली निकाली और इस दौरान स्थानीय लोगों ने जोरदार नारेबाजी की। संजौली के बाद नेरवा में लोगों के उग्र प्रदर्शन ने निश्चित तौर पर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को एक बार फिर परेशानी में डाल दिया है।
‘अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे बड़ी लड़ाई है’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान लोगों ने मस्जिदों में अवैध निर्माण और बाहरी राज्यों से आने वाले विशेष समुदाय के लोगों का वेरिफिकेशन न होने पर अपना गुस्सा जाहिर किया। लोगों ने ऐलान किया है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो दोबारा से आंदोलन किया जाएगा। बता दें कि नेरवा का इलाका उत्तराखंड से लगा हुआ है और अब अवैध घुसपैठ को लेकर यहां भी गुस्सा देखने को मिल रहा है। गुरुवार को स्थानीय लोगों ने एक विशेष समुदाय के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग उठाई। स्थानीय लोग ‘देवभूमि जिंदाबाद’ और ‘अभी तो ये अंगड़ाई है, आगे बड़ी लड़ाई है’ जैसे नारे लगा रहे थे।
रोको, टोको और ठोको का नारा दिया गया
हिंदू संगठनों के आहवान पर नेरवा के सभी व्यापारियों ने विरोध जताने के लिए सुबह से अपनी दुकानें बंद रखीं और सड़कों पर उतरकर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों यहां बनी एक मस्जिद की ओर बढ़ने की भी कोशिश की लेकिन दल-बल के साथ मौजूद पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। काफी देर तक पुलिस और लोगों के बीच में धक्का मुक्की होती रही। हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों के प्रदर्शन के बाद नेरवा में एक रैली भी हुई जिसमें हिंदू जागरण मंच ने ‘RTT’ यानी रोको, टोको और ठोको का नारा दिया।
मंडी में भी ‘अवैध घुसपैठ’ के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन हो चुका है।
‘निचले क्षेत्र में RTT अभियान सफलतापूर्वक चल रहा’
प्रदर्शन के दौरान एक हिंदू संगठन के नेता कमल ने कहा, ‘प्रदेश भर में RTT अभियान चलाइये। मुझे इस बात की खुशी है कि हिमाचल के निचले क्षेत्र में RTT अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है, लेकिन आज नेरवा की इस धरती पर खड़े होकर आपसे आवाह्न करने आया हूं। इस RTT अभियान को पूरे शिमला में चलाने का काम कीजिए। बहुत से बंधु कहेंगे कि ये RTT क्या है। मैंने कहा R से रोको। कैसे रोकेंगे? कोई आपके गांव में आ रहा है तो उसे रोकिए, कहां जा रहे हो, क्यों जा रहे हो और कहां से आए हो। उसके बाद टोको, आप बिना अनुमति के मेरे गांव, मेरी पंचायत में नहीं आ सकते। और तीसरा T है, उसको मैं नहीं बोलूंगा। वो आप सब समझदार हैं। अगर रोकने, टोकने का काम हो जाए और फिर भी कोई न माने तो…’
‘बिना वेरिफिकेशन के दुकानें नहीं दी जाएंगी’
शिमला से करीब 111 किलोमीटर दूर हुए इस प्रदर्शन में हिंदू संगठनों ने कई बड़े फैसले लिए। उन्होंने हिमाचल में रह रहे अवैध घुसपैठियों का सामाजिक बहिष्कार करने का फैसला किया है। हिंदू संगठनों ने ऐलान किया कि बाहरी लोगों को बिना वेरिफिकेशन के दुकानें नहीं दी जाएंगी, उन्हें गांव में घुसने नहीं दिया जाएगा, उनसे किसी तरह का कोई सामान नहीं खरीदेंगे और गांव-गांव में NRC लागू किया जाएगा। हिंदू संगठनों ने साथ ही मांग की है कि सरकार 10 दिन में बाहरी लोगों का वेरिफिकेशन कराए। उन्होंने कहा कि ऐसा न करने पर नेरवा में दोबारा उग्र प्रदर्शन होगा।
‘अवैध घुसपैठिये वहां फेरी वाले बनकर घूम रहे हैं’
हिंदू संगठन के नेता कमल ने कहा, ‘अवैध घुसपैठिये वहां फेरी वाले बनकर घूम रहे हैं और लव जिहाद का एजेंडा चलाने का काम कर रहे हैं। ये जो बाहर से अवैध घुसपैठिये यहां आ रहे हैं, इनकी गलती नहीं है। गलती अपने समाज की है, जो इनको दुकान और मकान देने का काम कर रहे हैं। अपने समाज के साथ ही आचार और व्यवहार रखिए। अगर हम सामान खरीदेंगे तो हिंदू से खरीदेंगे, व्यवहार करेंगे तो हिंदू से करेंगे, व्यापार करेंगे तो हिंदू से करेंगे। ये पूरा क्षेत्र बॉर्डर एरिया है और यहां कोई भी आसानी से घुसपैठ कर लेता है, तो यहां आने वाले हर शख्स का वेरिफिकेशन और पंजीकरण सुनिश्चित किया जाए।’
इन विरोध प्रदर्शनों के समर्थन में व्यापारी भी अपनी दुकानों को बंद कर देते हैं।
‘हिमाचल प्रदेश किसी के बाप का नहीं है’
हिंदू नेता ने कहा, ‘हिमाचल हमारा और आपका है। किसी के बाप का नहीं है। और हम तय करेंगे क्या और कैसे होगा। हमारी पंचायत में कोई बाहरी व्यक्ति न आए, कोई अवैध घुसपैठिया न घुसे और अपनी-अपनी पंचायत को NRC मुक्त घोषित कीजिए। थप्पड़ मारने की जरूरत नहीं है। आप उसको थप्पड़ मत मारिए। आप उसके पेट पर लात मारिए और हिमाचल से बाहर भगाइये। पूरी तरह से आर्थिक बहिष्कार कीजिए और इनसे किसी भी प्रकार का व्यवहार करना बंद कीजिए।’
‘स्थानीय मुसलमानों से हमारा कोई बैर नहीं है’
लोगों को संबोधित करते हुए नेता ने आगे कहा, ‘देखिए, यहां के स्थानीय मुसलमानों ने हमारा कोई बैर नहीं है। यहां का स्थानीय मुसलमान हमारे साथ सदियों से रहता आया है। लेकिन हम उसको भी बताना चाहते हैं कि बाहरियों के लिए हिंदू समाज को हिकारोगे तो गेहूं के साथ घुन भी पीस दिया जाएगा। हर घर से अगर एक हिंदू नौजवान हमारे साथ जुड़ता है तो हिमाचल प्रदेश में जो जिहाद की ये गंदगी फैली है इसको साफ करने में हमें 3 महीने का समय लगेगा और 3 महीने में हम हिमाचल प्रदेश को साफ कर देंगे।’ बता दें कि संजौली मस्जिद विवाद के बाद हिमाचल प्रदेश में दूसरी जगहों पर भी ‘अवैध घुसपैठ’ के खिलाफ उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं।