म्योरपुर, हिंदुस्तान संवाद। स्थानीय ब्लाक परिसर में गुरुवार को आईआईटी कानपुर से आई शोध
म्योरपुर, हिंदुस्तान संवाद। स्थानीय ब्लाक परिसर में गुरुवार को आईआईटी कानपुर से आई शोध छात्राओं ने अधिकारियों व स्थानीय रहवासियों से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। साथ ही विकास कार्यो के साथ ही रोजगार को लेकर अध्ययन किया।
शोध छात्राओं ने खंड विकास अधिकारी हेमंत कुमार सिंह, वन प्रभाग रेणुकूट की उप प्रभागीय वनाधिकारी उषा गुप्ता सहित वन क्षेत्र पर आश्रित आदिवासी महिलाओं, ग्रामीणों, प्रधानों से विकास, रोजगार, महिलाओं की समस्या और कोल क्षेत्र में प्रदूषण, युवाओं के रोजगार आदि मुद्दों पर बातचीत की। खंड विकास अधिकारी ने टीम को बताया कि स्वयं सहयता समूह के जरिए महिलाओं को रोजगार, सृजन का प्रयास किया जा रहा है। फोल्डिंग चारपाई बनाने का काम और उसे बाजार से सस्ता ग्रामीणों को उपलब्ध कराने का प्रयास है। प्राकृतिक रंग अबीर, जड़ी बूटी से भी रोजगार मिल रहा है। युवाओं में कम उम्र में नशे की आदत चिंता जनक है। शिक्षित और संस्कारी युवा ही समाज में परिवर्तन ला सकते हंै। शोधकर्ताओं की टीम वन क्षेत्र आधारित आदिवासी महिलाओं से बभनडीहा में बातचीत की। साथ ही एक दिन पूर्व ऊर्जांचल में बांसी की प्रधान, जमशीला की पूर्व प्रधान सहित युवाओं और कोयला क्षेत्र में काम करने वाली महिलाओं से बातचीत कर जानकारी ली। प्रधानों ने प्रदूषण की समस्या और उससे होने वाली बीमारी की जानकारी दी। जबकि युवाओं ने विस्थापन के बाद दूसरी और तीसरी पीढ़ी में बढ़ी बेरोजगारी को लेकर हालात बताए। टीम ने अनपरा में खनिज निधि से निर्मित ग्रामीण पेयजल की जानकारी भी ली। टीम का नेतृत्व कर रही नंदना भटाचार्या ने बताया कि खास कर कोयला आधारित जीवन जीने वाले लोगों का कोयला खत्म होने पर क्या असर पड़ेगा और इसको लेकर लोग क्या सोच रहे हंै, इसकी जानकारी के साथ विकास कार्यों के जरिए महिलाओ में परिवर्तन को लेकर भी जानकारी ली गई।