यूपी की योगी सरकार ने रेली-सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड परियोजना के भूमि अधिग्रहण घोटाले में दोषी पाए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और अमीन पर कार्रवाई की है। तीनों अफसरों को सस्पेंड कर दिया है।
बरेली-सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड परियोजना के भूमि अधिग्रहण घोटाले में दोषी पाए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर और अमीन पर कार्रवाई की गाज गिरी है। यूपी की योगी सरकार ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को जेई राकेश कुमार, अंकित सक्सेना और सुरेंद्र सिंह के साथ ही अमीन शिवशंकर को निलंबित कर दिया है।
एनएचएआई हेडक्वार्टर की टीम ने बरेली-सितारगंज फोरलेन और रिंग रोड परियोजना में करीब 50 करोड़ का घोटाला पकड़ा था। एनएचएआई के चेयरमैन संतोष यादव ने मुख्य सचिव को पत्र भेजकर स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की थी। डीएम ने सीडीओ व एडीएम वित्त की समिति को जांच सौंपी थी। समिति ने बरेली-सितारगंज फोरलेन में बरेली सदर और नवाबगंज तहसील की अधिग्रहीत जमीन (पैकेज-1) की जांच की। जांच में 21.52 करोड़ का घोटाला सामने आया और सबसे बड़ा घपला अधिग्रहीत जमीन पर बनी परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में हुआ। एनएचएआई के इंजीनियर और कंसल्टेंसी फर्म ने सिंडिकेट के साथ मिलकर ढांचे का कई गुना मूल्यांकन कर दिया। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर ने सत्यापन के नाम पर खेल किया।
समिति की जांच में सामने आया कि बरेली-सितारगंज फोरलेन के गरगइया और रिंग रोड के सरनिया गांव में अधिग्रहीत दो जमीनों की परिसंपत्तियों के मूल्यांकन में करीब आठ करोड़ का घोटाला किया गया। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ने पीडब्ल्यूडी के प्रमुख अभियंता को पत्र भेज जांच में दोषी मिले जेई राकेश कुमार, अंकित सक्सेना और सुरेंद्र सिंह के साथ ही अमीन शिवशंकर को निलंबित कर दिया है और रिपोर्ट देने को कहा है। प्रमुख अभियंता ने आदेश पीडब्ल्यूडी के बरेली डिवीजन भेज दिया है।
50 लाख के गोदाम का मूल्यांकन छह करोड़ किया
रिंग रोड के सरनिया गांव के गाटा संख्या 156 पर बने गोदाम का मूल्यांकन करीब छह करोड़ किया गया था। पीडब्ल्यूडी इंजीनियर के सत्यापन के बाद अवार्ड कर दिया गया। जांच में गोदाम का आकलन 50 लाख रुपये किया गया।