ओबरा, हिन्दुस्तान संवाद। जिले के साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश
ओबरा, हिन्दुस्तान संवाद। जिले के साथ ही मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लगातार बारिश से सोन नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है। वहीं रिहंद बांध और ओबरा बांध में पानी अधिकतम जलस्तर पर पहुंचने के कारण रिहंद के सात और ओबरा बांध के सात फाटक भी खोल दिए गए हैं। वहीं बाण सागर बांध से 77700 क्यूसेक पानी सोन नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे सोन के तटवर्ती इलाकों में एलर्ट घोषित कर दिया गया है। वहीं मछुआरों को नदी से दूर रहने को कहा गया है। जबकि धंधरौल बांध के सभी 22 फाटकों को सुबह 11 बजे व नगवां बांध को सुबह ही बंद कर दिया गया है।
मध्य प्रदेश के बाण सागर बांध में जलस्तर बढ़ने के कारण मंगलवार की रात 10 बजे बांध से 777700 क्यूसेक पानी सोन नदी में छोड़ा जा रहा है। इससे सोन नदी का जलस्तर 170.06 पहुंच गया है। जबकि खतरे का निशान 171.00 है। सोन नदी में लगातार बढ़ रहे पानी के कारण तटवर्ती इलाकों के गांवों के लोगों को एलर्ट कर दिया गया है। वहीं मछुआरों को सोन नदी से दूर रहने की अपील की गई है। इसके साथ ही रिहंद बांध का जलस्तर अधिकतम के पास पहुंच जाने के कारण बुधवार की सुबह तीन फाटकों को खोला गया था, लेकिन शाम चार बजे के बाद रिहंद के सात फाटक खोल दिए गए, जिससे 68 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था। वहीं ओबरा बांध के सात फाटक खोलकर 44 हजार क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है। जल विद्युत पिपरी के अधिशासी अभियंता शशिकांत राय ने बताया की रिहंद बांध का गेट बुधवार की सुबह 8.40 पर सात नंबर गेट एवं 8.55 पर छह नंबर गेट तथा 9.05 पर आठ नंबर गेट को 10-10 फीट खोला गया है। इसके बाद शाम चार बजे के बाद चार और गेट खोल दिए गए। वही रिहंद बांध का जल स्तर 872 फीट पर स्थिर है। उन्होंने बताया कि पिपरी जल विद्युत की 50 मेगावाट क्षमता की सभी छह इकाइयों को पूरे लोड पर चलाकर लगभग 300 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही है। वही ओबरा बांध के अवर अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि ओबरा बांध का गेट सुबह 10.20 से खुलना शुरू हुआ और कुछ ही समय में ओबरा बांध के चार गेट खोले गए है। ओबरा बांध का पांच नंबर गेट को पांच फीट तथा गेट नंबर सात एवं आठ तथा नौ नंबर गेट को दस दस फीट खोला गया है, जिससे कुल 44 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। बताया कि ओबरा बांध का जल स्तर 192.92 मीटर पर स्थिर है। वही ओबरा बांध का जल स्तर सामान्य करने के लिए बांध पर बने जल विद्युत की 33 मेगावाट क्षमता की तीनों इकाइयों को पूरे लोड पर चलाकर 87 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जा रहा है।