यूपी में हापुड़ के एक गांव निवासी दुष्कर्म पीड़ित किशोरी ने मंगलवार को मेरठ मेडिकल में बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टर के अनुसार जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। दुष्कर्म का आरोपी दादा जुलाई से जेल में है।
यूपी में हापुड़ के एक गांव निवासी दुष्कर्म पीड़ित किशोरी ने मंगलवार को मेरठ मेडिकल में बच्ची को जन्म दिया। डॉक्टर के अनुसार जच्चा-बच्चा स्वस्थ हैं। दुष्कर्म का आरोपी दादा जुलाई से जेल में है। हाईकोर्ट के आदेश पर रेप पीड़ित बच्ची को मेरठ डीएम के दिशा निर्देश में मेरठ मेडिकल के लिए भेज दिया गया था। रेप पीड़ित बच्ची की जिंदगी के लिए संजीवनी देने का प्रयास मंगलवार को सफल हो गया है।
हाईकोर्ट ने रेप पीड़ित बच्ची के प्रसव कराए जाने के लिए राज्य सरकार को खर्चा वहन करने मेरठ डीएम की देखरेख में बच्ची के स्वास्थ तथा मेडिकल के प्रिंसिपल को दो गायकोनिस्ट की डयूटी लगाकर बच्ची बच्ची के प्रसव के लिए समस्त व्यवस्था कराने के आदेश दिए थे। सीएमओ डॉ सुनील त्यागी ने बताया कि मंगलवार को किशोरी ने एक बेटी को जन्म दिया था। जच्चा-बच्चा दोनों सकुशल हैं।
गोद लेने वाली एजेंसी को दिया जाएगा बच्चा
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अभिषेक त्यागी ने बताया कि डीएम हापुड़ के दिशा निर्देश एवं नेतृत्व में रेप पीड़ित बच्ची के लिए हाईकोर्ट से आए आदेश पर कार्रवाई की गई थी। जिसमें बच्ची के स्वास्थ एंव प्रसव के लिए मेरठ डीएम तथा मेडिकल कॉलेज मेरठ के लिए आदेशित किया गया था। जन्म के बाद बच्चे को गोद लेने वाली एजेंसी कारा को बच्चा दिए जाने का आदेश कर दिया है।
पेट के दर्द से खुली दादा की करतूत
पुलिस के अनुसार बिटिया के पेट में दर्द रहने लगा तो दादा बिटिया के ताऊ के घर उसको लेकर आया और बोला कि यह पेट में दर्द बताती है। जिसको छोड़कर चला गया। बेटी को लेकर ताई डॉक्टर के पहुंची तो वह प्रेगनेंट थी। प्रेगनेंट होने की जानकारी पर ताई ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसके बाद बाल कल्याण समिति के पत्र पर चिकित्सकों के पैनल ने पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण किया। जिसमें सात माह का गर्भ होने के कारण मामला क्रिटिकल बताया गया था। डिलेवरी को लेकर भी दिक्कत हो सकती थी। शरीर में हीमोग्लोबीन की मात्राभीकाफीकमथी।
ये थी बच्ची के दर्द की कहानी
फिल्मी कहानी की तरह जिले के एक गांव में बेटी को जन्म देकर मां की मौत हो गई थी। जिसका पालन पोषण उसका पिता कर रहा था। परंतु करीब 2 साल पहले उसके पिता की क्षय रोग से पीड़ित होने के बाद मौत हो गई। मां-बाप का साया सिर से छीना तो पिता के फूफा यानि बिटिया को दादा ने अपने पास रख लिया। दादा-दादी के साथ बिटिया अपना बचपन खेल रही थी। परंतु इस दौरान दादी की मौत हो गई।