Meerut house collapsed: मेरठ की जाकिर कॉलोनी में तीन मंजिला मकान के जमींदोज होने की घटना में मारे गए सभी 10 लोगों के परिजनों को मुआवजा मिलेगा। इसके तहत आश्रित/परिजनों को चिह्नित करने में प्रशासन जुटा है। पहले माना जा रहा था कि बच्चों के परिजनों को मुआवजे का प्रावधान नहीं है, लेकिन प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। डीएम दीपक मीणा ने कहा है कि नियमानुसार प्रक्रिया चल रही है। सभी के परिजनों को अनुग्रह राशि दी जाएगी। संभावना है कि मंगलवार को सहायता राशि दे दी जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार राष्ट्रीय आपदा मोचक निधि से आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान है। इसके तहत प्रत्येक मृतक के आश्रित/परिजनों को चार-चार लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। सभी 10 मृतकों के आश्रितों/परिजनों को चिह्नित कर लिया गया है। एक दिक्कत यह आ रही है कि कई के नाम बैंकों में खाता नहीं है। डीएम के निर्देश पर सदर तहसीलदार शैलेन्द्र सिंह के स्तर से बैंकों में खाता खोले जाने की प्रक्रिया चल रही है। मृत पशुओं के लिए भी शासनादेश के अनुसार नियमानुसार अनुग्रह राशि दी जाएगी। साथ ही कपड़े, बर्तन व घर के लिए पृथक से सहायता राशि दी जाएगी।
मौत के चंगुल से बाल-बाल बचे साजिद के तीनों भाई
जाकिर कॉलोनी का हादसा और भी भयानक हो सकता था। शनिवार शाम पीड़ित परिवार की डेयरी पर हलवाई राजा हादसे से करीब 30 मिनट पहले दूध लेने पहुंचा था और साजिद के तीन भाइयों ने दूध जल्दी निकालना शुरू कर दिया। जैसे ही राजा दूध लेकर निकला, उसी दौरान हादसा हो गया। राजा जल्दी नहीं आया होता तो साजिद के तीनों भाई भी हादसे का शिकार हो गए होते।
जाकिर कॉलोनी में नफीसा और परिवार के 10 लोगों की मकान गिरने से शनिवार को मौत हो गई। हादसे में नफीसा के बेटे नदीम, नईम और साकिर बाल बाल बच गए थे। नईम ने हिन्दुस्तान से बातचीत के दौरान बताया कि उनकी डेयरी पर हलवाई राजा रोजाना शाम को दूध लेने आता था। शनिवार शाम करीब आधे घंटे पहले ही राजा डेयरी पर पहुंच गया और जल्दी दूध देने के लिए हल्ला करने लगा। नईम ने बताया कि राजा के आने के बाद साजिद भाई ने ही हम तीनों भाइयों को नीचे डेयरी पर भेज दिया था। दूध निकाला और राजा को दिया था। इसके बाद राजा निकल गया था। नईम ने बताया इसके बाद अचानक मकान हिलने लगा। उन्हें खतरे का आभास हुआ और तीनों भाई बराबर वाले प्लॉट की खिड़की से बाहर निकल आए। नईम ने बताया जैसे ही मकान के बाहर निकले, पूरा मकान जमींदोज हो गया। परिवार के लोगों को बाहर निकालने के लिए हम चीखते रहे, लेकिन सब बेकार रहा।
नमाज पढ़ रही थी फरहाना
नईम ने बताया जिस समय वे मकान के नीचे डेयरी पर पहुंचे उस समय नमाज का समय हो चला था। नदीम की पत्नी फरहाना छह माह की गर्भवती थी और वह नमाज की तैयारी कर रही थी। हादसे के समय नमाज पढ़ते हुए ही उनकी मौत हो गई। यह भी बताया कि घर का कोई हिस्सा पहले क्षतिग्रस्त नहीं हुआ था और यह सब कुछ संभवत बारिश के कारण ही हुआ है।
इन सभी के घर वालों को मिलेंगे चार-चार लाख
नफीसा उर्फ नफ्फो, साजिद, सानिया, साकिब, रिजा, अलीशा, निमसा, फरमाना, आलिमा और सिमरा।