ताजमहल में जलाभिषेक की मांग करने वाले एक मुकदमे में आगरा की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व संगठन (एएसआई) की आपत्ति को खारिज करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को पार्टी बनाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव के जरिए भारत सरकार को मुकदमे में एक पक्ष बनाने कहा है। अगली सुनवाई 24 सितंबर को होगी। मुकदमा करने वाले ने दावा किया है कि ताजमहल असल में एक शिवमंदिर है और असल में ये तेजोमहालय है। याचिकाकर्ता ने सावन महीने में यहां जलाभिषेक की इजाजत मांगी है।
कोर्ट के आदेश पर याचिकाकर्ता के वकील अपने मुकदमे में केंद्र सरकार को पार्टी बनाने के लिए आवेदन देंगे। आगरा के लघुवाद न्यायालय ने एएसआई की आपत्ति को खारिज कर भारत सरकार को पक्षकार बनाने का आदेश दिया है। योगी यूथ बिग्रेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने 23 जुलाई को मुकदमा किया था। इसमें ताजमहल को तेजोमहालय बताकर जलाभिषेक की याचिका लगाई गई थी।
न्यायालय में 13 सितंबर को पिछली सुनवाई के दौरान एएसआई के अधिवक्ता ने आपत्ति दाखिल की और कहा कि एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद सरकारी अधिकारी हैं, उन पर मुकदमा नहीं चल सकता। एएसआई ने इस आधार पर मुकदमा खारिज करने की दलील दी थी। अजय तोमर के वकील शिव आधार सिंह तोमर ने अदालत से कहा कि धारा 80 सीपीसी का नोटिस देकर सरकारी अधिकारी पर मुकदमा हो सकता है। उस दिन दोनों पक्षों की बहस हुई थी। आज कोर्ट ने आपत्ति को खारिज कर दिया।
ताजमहल को तेजोमहालय मानकर जलाभिषेक और दूग्धाभिषेक की मांग हाल के वर्षों में तेज हो गई है। इस साल सावन के महीने में जलाभिषेक की कोशिश में दो लोग गिरफ्तार किए गए थे और एक महिला को भी हिरासत में लिया गया था। इसके बाद ताजमहल में मुख्य मकबरे के आसपास पानी या पानी का बोतल ले जाने पर रोक लगा दी गई थी।