नगर आयुक्त हैं…, सर अभी ज्वाइन नहीं किए। मुख्य अभियंता सिंचाई…, सर लखनऊ बैठक में गए हैं। डीआईओएस…, सर आज सुबह ही कुछ जरूरी काम से गए हैं। मुख्य अभियंता बिजली…, सर एसई हैं। इसी तरह अन्य विभागों के अधिकारी, इंजीनियर का प्रभारी मंत्री धर्मपाल सिंह नाम लेते गए और सीडीओ नूपुर गोयल जवाब देते गईं। मंत्री नाराज हो गए। बोले, डीएम साहब प्रोटोकाल का ध्यान रखें। प्रभारी मंत्री की बैठक का कुछ स्तर होता है। बैठक का स्तर न गिराया जाए, अधिकारी स्पष्टीकरण देने में माहिर हैं।
सोमवार को विकास भवन में आयोजित प्रभारी मंत्री की समीक्षा बैठक में शुरुआत कुछ इस तरह हुई। प्रभारी मंत्री अधिकारियों और अभियंताओं के मुख्यालय से बाहर जाने, छुट्टी पर रहने को लेकर जमकर नाराज हुए। एक विभाग के एई के बैठक में रहने पर मंत्री अधिक नाराज हुए। पहली बार मंत्री की समीक्षा में भाजपा नेताओं को भी बैठने का मौका मिला। महानगर अध्यक्ष सुरेश जैन रितुराज खड़े होकर पार्टी पदाधिकारियों का परिचय कराते हैं।
स्वच्छता पखवाड़ा में सबका हो सहयोग मंत्री
विकास भवन में प्रभारी मंत्री ने समस्त अधिकारियों को 17 सितम्बर से दो अक्टूबर तक स्वच्छता पखवाड़ा में सार्वजनिक जनसहभागिता को सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रधानमंत्री ने मेक इन इंडिया में पांच बातें बेहतर स्वास्थ्य, बेहतर शिक्षा, बेहतर सुरक्षा, साफ गांव साफ शहर और अविरल नदियां, निर्मल नदियां कही है। इन्हीं बातों पर स्वच्छता अभियान केंद्रित किया जाए। पार्क, अस्पताल, स्कूल, मलिन बस्तियां, कचहरी, थाना व अन्य सभी सरकारी कार्यालय में संबंधित अधिकारी विशेष रुचि लेकर कार्य करें।
मंत्री ने बीएसए को निर्देशित करते हुए कहा कि बच्चे हमारी धरोहर हैं। उनका तन-मन स्वच्छ हो, इसके लिए विभिन्न गतिविधियां कराई जाएं। पीडब्लूडी के अधिकारी को सभी सड़कों की मरम्मत कराने, सीएमओ को स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत सभी अस्पतालो की साफ-सफाई और मरीजों को फल वितरण के निर्देश दिए।
अधिक गंदगी वाले गांवों में चलेगा विशेष अभियान
डीएम दीपक मीणा ने स्वच्छता पखवाड़े को लेकर की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा जिले के ऐसे गांव, जिनमें अधिक गंदगी है उनको चिन्हित कर लिया गया है। उनमें विशेष सफाई अभियान चलाया जाएगा।