Flood in Varanasi: गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से तटवर्ती इलाकों के लोग बाढ़ की आशंका से भयभीत हैं। हालांकि शनिवार दिन में बढ़ाव की दर 10 सेंमी थी, जो रात आठ बजे तक आठ सेमी प्रतिघंटा हो गई। नदी का जलस्तर 69.50 मीटर पर था। यह खतरा निशान से 1.762 मीटर नीचे है। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक बीते 24 घंटे में जलस्तर 2.68 मीटर बढ़ा है।
बढ़ाव चलते सामने घाट, वरुणा के तटीय इलाकों और ढाब क्षेत्र के लोग सतर्क हो गए है। सीरगोवर्धनपुर के नाले से पानी अब आसपास की कॉलोनी में घुसने लगा है। नगवा नाले में पांच फीट से ऊपर पानी बढ़ा तो गंगोत्री नगर, संगमपुरी, नगवा दलित बस्ती, सोनकर बस्ती, डुमरांव बाग कॉलोनी का कुछ हिस्सा साकेत नगर नाला के किनारे बसी बस्तियां जलमग्न हो जाएंगी।
सामनेघाट स्थित मारुति नगर, गायत्री नगर, पटेल नगर, विश्वास नगर, हरिओम नगर, रत्नाकर विहार, कृष्णापुरी कॉलोनी के लोग भी प्रभावित होंगे। उधर सुबह से गंगा का पानी बैकफ्लो करने से वरुणा कॉरिडोर पानी में समा गया। किनारे बने मकानों के निचले तल में पानी घुस गया।
शवदाह करने में मुश्किल
जल बढ़ने से घाटों की सीढ़ियां गंगा में समा गई हैं। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाटों पर शवों को अंतिम संस्कार करने वालों की दुश्वारियां बढ़ गई हैं। मणिकर्णिका घाट पर पहले से छत पर अंतिम संस्कार किया जा रहा है, लेकिन हरिश्चंद्र घाट पर लाइन लगनी शुरू हो गई है।
राहत शिविर को सक्रिय जिला प्रशासन
वरुणा किनारे सरैयां व सलारपुर स्थित बाढ़ राहत शिविर को सक्रिय कर दिया है। एडीएम वित्त-राजस्व व आपदा प्रभारी वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि दो राहत शिविरों को सक्रिय कर दिया गया है।
बढ़ाव से ढाब वासियों में बढ़ी बेचैनी
गंगा में बढ़ाव से ढाब क्षेत्र के किसानों की चिंता बढ़ गई है। रामचन्दीपुर के पूर्व प्रधान बद्री नारायण, राजकुमार यादव, गोबरहा के लालजी यादव ने बताया कि अब जिस तेजी से बढ़ाव हो रहा है। 24 घंटे में खेती नुकसान शुरू हो जाएगा।