यूपी के लखीमपुर खीरी के फरधान थाना क्षेत्र में पुलिस की कथित पिटाई के चलते इलाज के दौरान दलित युवक की मौत के बाद शनिवार शाम हंगामा किया। नाराज परिजनों व ग्रामीणों ने युवक का शव थाने के सामने रखकर प्रदर्शन किया और ट्रालियां खड़ी कर एनएच-730 पर जाम लगा दिया। परिजनों का आरोप है कि सात दिन पहले फरधान थाने की पुलिस उसे चोरी के शक में पकड़कर ले गई थी। पुलिस हिरासत में इतनी पिटाई की गई कि उसकी हालत बिगड़ गई। परिजन युवक का खीरी के निजी अस्पताल में इलाज करा रहे थे, जहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। यहां शुक्रवार देर रात उसकी मौत हो गई। प्रदर्शन की सूचना पर एएसपी और सीओ मौके पर पहुंचे। साथ ही, कई थानों का फोर्स भी बुला ली गई।
फरधान थाना क्षेत्र के गांव सिसावांकलां निवासी 18 वर्षीय आकाश राज के परिजनों ने बताया कि पुलिस चोरी के शक में उसे तीन सितंबर को थाने ले गई थी। परिजनों का आरोप है कि युवक को तीन दिन तक थाने में रखा गया और उसकी बेरहमी से पिटाई की गई। इस दौरान सात सितंबर को थाने में उसकी हालत बिगड़ गई। इसके बाद पुलिस ने उसे बुखार से पीड़ित बताकर परिजनों को सौंप दिया। परिजनों ने उसका निजी अस्पताल में इलाज कराया और फिर उसे लखीमपुर ले गए। यहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। यहां शुक्रवार देर रात आकाश की मौत हो गई।
घटना से नाराज परिजनों ने शनिवार शाम को आकाश का शव फरधान थाने के सामने रखकर पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन किया और वाहन लगाकर हाईवे को जाम कर दिया। परिजनों का आरोप है कि आकाश की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है। साथ ही, थाने से उसे छोड़ने के एवज में पैसे मांगने का भी आरोप लगाया। सूचना पर सपा के पूर्व विधायक रामसरन भी मौके पर पहुंच गए। उधर, प्रदर्शन को देखते हुए एएसपी, सीओ व कई थानों का फोर्स भी बुला लिया गया। एएसपी पवन गौतम ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। अभी तक पुलिस पिटाई से मौत होने की बात सामने नहीं आई है। युवक की मौत बीमारी से होने की आशंका है। पता कर रहे हैं कि लखनऊ में युवक का इलाज कहां हुआ। जांच के बाद अगर कोई दोषी मिला तो कार्रवाई की जाएगी।