पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और मेरठ में बिजली विभाग में भ्रष्टाचार के दो बड़े मामले प्रकाश में आए हैं। भ्रष्टाचार मामले में योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। इन दोनों मामलों में दो मुख्य अभियंता व दो अधीक्षण अभियंता सहित नौ कार्मिकों को सस्पेंड कर दिया गया है। अलीगढ़ के मामले में इंजीनियरों ने एक फर्म से मिलीभगत कर खराब गुणवत्ता की सामग्री की सप्लाई लेने का काम किया है। वहीं, मेरठ के मामले में पार्कों के सुंदरीकरण के काम में अधीक्षण अभियंता पर 2.5 करोड़ रुपये रिश्वत लिए जाने का का आरोप है। मेरठ के मामले में ही वहां के अधिशासी अभियंता को भी निलंबित किया गया है।
अलीगढ़ में घटिया सामग्री की सप्लाई में सात निलंबित
अलीगढ़ में वर्ष 2022-23 में टेंडर के माध्यम से गणेश इंटरप्राइजेज को एसटीपी पोल और एबी केबिल सप्लाई का आर्डर मिला था। इस फर्म ने घटिया क्वालिटी के साथ ही कम और क्षतिग्रस्त सामग्री की सप्लाई की। जिसे हर स्तर पर इंजानियरों ने नजरअंदाज किया। करोड़ों रुपये के इस टेंडर में इंजीनियरों की अनदेखी में बड़े भ्रष्टाचार को देखा जा रहा है। यूपीपीसीएल के चेयरमैन डा. आशीष कुमार गोयल ने तत्कालीन मुख्य अभियंता (वितरण) अलीगढ़ सुबोध कुमार शर्मा तथा अलीगढ़ के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता वर्तमान में मुख्य अभियंता स्तर दो के पद पर आजमगढ़ में तैनात राघवेंद्र को निलंबित कर दिया है। इसी मामले में अधीक्षण अभियंता अजय कुमार, उप खंड अधिकारी शत्रुघ्न चौहान, अधिशासी अभियंता प्रवीण कुमार मौर्य, तत्कालीन उप खंड अधिकारी अब सहायक अभियंता सचिन कुमार और अवर अभियंता मनोज कुमार को भी प्रबंधन के सक्षम अधिकारियों ने किया है। निलंबन आदेश शुक्रवार को देर शाम जारी किया गया था।
मेरठ में 41 करोड़ के टेंडर में 2.5 करोड़ कमीशन लिया
मेरठ के प्रकरण में अधीक्षण अभियंता विद्युत जनपद वितरण मंडल वेद प्रकाश कौशल ने उपकेंद्रों की मरम्मत व पार्कों के सुंदरीकरण के लिए 41 करोड़ रुपये का टेंडर किया। आरोप है कि टेंडर जारी करने के लिए इन्होंने ठेकेदारों से छह फीसदी अर्थात 2.5 करोड़ रुपये रिश्वत लिए। एसई के खिलाफ भ्रष्टाचार की अन्य शिकायतें भी विभाग को मिली हैं। इस बड़े आरोप के बाद यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने एसई वेद प्रकाश कौशल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन के साथ ही एसई को एमडी दक्षिणांचल आगरा से संबद्ध किया गया है। इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लि. द्वारा मुख्य अभियंता (जांच समिति) के माध्यम से कराने का आदेश हुआ है। इसी मामले में वहां के अधिशासी अभियंता संगम लाल यादव को भी निलंबित कर दिया गया है। बताया जाता है कि इस मामले की शिकायत भी इन्होंने ने ही की थी।