भाला फेंक खिलाड़ी नवदीप सिंह ने पेरिस पैरालंपिक में एफ41 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए इतिहास रचा था। गुरुवार को नवदीप सिंह सहित भारत के अन्य एथलीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले और उनके साथ बातचीत भी की। इस दौरान कई खिलाड़ियों ने अपने मेडल पर पीएम मोदी के साइन भी लिए। नवदीप ने भी अपनी जर्सी पर पीएम से साइन करवाया। इस दौरान नवदीप के साथ हुई बातचीत का वीडियो पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया है, जिसे देखकर आप भी खुश हो जाएंगे।
वीडियो में नरेंद्र मोदी ने नवदीप से उनके उस वीडियो के बारे में पूछा जब उन्होंने 46 मीटर से ज्यादा का थ्रो करने के बाद रिएक्ट किया था और इस दौरान वह अपनी भावनाओं पर काबू नहीं कर सके थे। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। पीएम ने कहा, ”तुमने अपना वीडियो देखा, क्या लोग कह रहे हैं? सब लोग डरते हैं। इस पर नवदीप ने कहा, ”सर जोश-जोश में हो गया था।”
नवदीप ने पेरिस पैरालंपिक में अपने स्पर्धा के दौरान 46 मीटर से ज्यादा का थ्रो किया था और काफी जोशीले अंदाज में जश्न मनाते हुए नजर आए थे। इस थ्रो के बाद वह अपने कोच के पास गए और फिर उन्होंने उनसे पूछा कि कितने मीटर का थ्रो गया, इस पर कोच ने कहा कि 46.32 मीटर। नवदीप को इस पर विश्वास नहीं हुआ और उन्होंने कोच से मां की कसम खाने के लिए कहा। उनका ये वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था।
नवदीप सिंह अपने जोश और जुनून की वजह से सोशल मीडिया पर काफी फेमस हो गए हैं। नवदीप सिंह ने पेरिस में भाला फेंक स्पर्धा खत्म होने के बाद सिल्वर मेडल जीता था लेकिन ईरान के सादेघ बेत सयाह को बार-बार आपत्तिजनक झंडा प्रदर्शित करने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया, जिसके कारण नवदीप को स्वर्ण पदक मिला।
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नवदीप ने छोटे कद के एथलीटों के लिए बने वर्गी में प्रतिस्पर्धा करते हुए 47.32 मीटर थ्रो के साथ विश्व रिकॉर्ड धारक चीन के सन पेंगजियांग को पछाड़ने के बाद अपने अभियान को रजत पदक के साथ खत्म किया था। ईरान के सादेघ बेत सयाह को बार-बार आपत्तिजनक झंडा प्रदर्शित करने के लिए अयोग्य घोषित किए जाने के बाद इसे अभूतपूर्व स्वर्ण में अपग्रेड कर दिया गया। पेंगजियांग (44.72 मीटर) के नाम रजत पदक रहा। सयाह अपने पांचवें थ्रो में 47.64 मीटर के नये पैरालंपिक रिकॉर्ड के साथ शीर्ष पर थे, लेकिन अपनी हरकतों के कारण पदक गवां बैठे।
अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति के नियम एथलीटों को आयोजन में कोई भी राजनीतिक संकेत देने से रोकते हैं और सयाह को गैर-खेल/अनुचित आचरण के लिए अंतिम परिणामों से बाहर कर दिया गया था।