श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास केरन सेक्टर के जंगल में सुरक्षाबलों ने बुधवार को हथियारों और गोला-बारूद का जखीरा बरामद किया। आतंकियों ने ये हथियार और गोला-बारूद 10 फीट की गहराई में छिपाया था। बताया जा रहा है कि स्पेशल इलेक्शन ऑब्जर्वर और इंटेलिजेंस एजेंसी द्वारा इसकी जानकारी दिए जाने के बाद भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। माना जा रहा है कि इन हथियारों को आतंकियों के आकाओं ने छिपाया था ताकि जम्मू-कश्मीर में होने जा रहे विधानसभा चुनावों को पाकिस्तान के इशारे पर बाधित किया जा सके और आतंकियों की मदद से इलाके में डर फैलाया जा सके।
‘सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि’
श्रीनगर आधारित भारतीय सेना की चिनार कोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर जारी पोस्ट में कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक जॉइंट ऑपरेशन चलाया था। इसने बताया कि इलाके की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री बरामद हुई, जिसमें एके 47 के कारतूस, हथगोले, IED बनाने में इस्तेमाल सामग्री और अन्य सामान शामिल है। सेना ने कहा कि मौजूदा सुरक्षा स्थिति और आगामी घटनाओं को देखते हुए यह बरामदगी महत्वपूर्ण है और यह सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
आतंकियों के लिए ये हथियार 10 फीट की गहराई में छिपाए गए थे।
बुधवार को मिली थी 2 आतंकियों की लाश
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में उधमपुर जिले के बसंतगढ़ के ऊपरी इलाकों में हुई एक मुठभेड़ में जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े दो आतंकवादी मारे गए। अधिकारियों ने बुधवार को बताया था कि घटनास्थल से 2 आतंकवादियों के शव बरामद किए गए गए हैं, जिनके बारे में माना जा रहा है कि वे पाकिस्तान के हैं। उन्होंने कहा कि साथ ही, घटनास्थल से एक एम-4 कार्बाइन, एक एके राइफल, एक पिस्तौल और भारी मात्रा में गोला-बारूद तथा खाद्य सामग्री बरामद की गई है। घने जंगल में आतंकवादियों के खिलाफ यह पहला सफल अभियान है, जहां पिछले 6 महीनों में 6 से अधिक मुठभेड़ हो चुकी हैं। गत 28 अप्रैल को मुठभेड़ में एक ग्राम रक्षा रक्षक और 19 अगस्त को एक CRPF इंस्पेक्टर की जान चली गई थी।