म्योरपुर। हिंदुस्तान संवाद स्थानीय ब्लॉक के गोविंदपुर स्थित बनवासी सेवा आश्रम के विचित्र महाकक्ष में भूदान आंदोलन के अग्रणी और स्वतंत्रता सेनानी, लेखक, भारत रत्न संत विनोबा भावे का 121वीं जयंती मनाई गई। विचार गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर के अध्यक्षता में उनके जीवन पर चर्चा की गई।
वरिष्ठ साहित्यकार अजय शेखर ने कहा कि विनोबा ने पूरा जीवन समाज के लिए दान कर दिया। शास्वत जीवन जीने की राह दिखाया। विमल सिंह और शिवशरण सिंह ने बताया कि विज्ञान और अध्यात्म को जोड़ कर आगे बढ़ने का आह्वान किया था। उन्होंने 532120 लोगों से दान मांग कर 41 लाख 80268 एकड़ जमीन 502992 किसानों को दिलाया। कहा की विनोबा जय जगत के पक्षधर थे। खादी कार्यकर्ता लाल बहादुर कुशवाहा और राम बरन यादव, शिक्षक विजय कनौजिया नें गरीबों के लिए भूदान के लिए किए गए प्रयास की बात रखी और कहा कि देश के लाखों भूमिहीन लोगों को दान में जमीन मांग कर उनके जीवन में खुशियां भर दी। उन्होंने दर्जनों साहित्य लिखा और लोगों का मार्ग दर्शन किया। आज भी लाखों लोग विनोबा के विचारो से प्रेरित होकर सामाजिक काम कर रहे है। लक्ष्मण ने गीत के माध्यम से उन्हें याद किया। मोती लाल ने कहा कि उनका विचार था कि महिलाओं की अगुवाई से ही देश आगे बढ़ेगा। संचालन शिव शरण सिंह ने किया। उन्होंने उस दौर के चंबल घाटी के डैकैतों को आत्मसमर्पण करने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर विमल सिंह, देव नाथ सिंह, सविता, अमरजीत वर्मा, सुरेश कुमार, पूजा विश्वकर्मा, सुशीला खरवार, जगदीश आदि मौजूद रहे।