सोनभद्र, संवाददाता। सरकार की मंशा के अनुरूप जिले में बने अत्येष्टि स्थल खुद अंतिम संस्कार के कगार पर पहुंच गए हैं। ज्यादातर अंत्येष्टि स्थलों पर शवों का दाह संस्कार भी नहीं हो रहा है। यही नहीं देख रेख के अभाव में वे जर्जर होते जा रहे हैं।
जिले में कुल 24 ग्राम पंचायतों में अत्येष्टि स्थल का निर्माण कराया गया है। एक अंत्येष्टि स्थल के निर्माण में कुल 24 लाख रुपये खर्च हुए हैं। प्रत्येक अंत्येष्टि स्थलों पर टीन शेड, कपड़ा बदलने के लिए एक कमरा, बोरिंग व सबमर्सिबल पंप आदि की व्यवस्था की गई है। शासन की मंशा के अनुरूप अंत्येष्टि स्थल का निर्माण तो करा दिया गया, लेकिन निर्माण के बाद से अब तक कोई भी जिम्मेदार उसकी सुधि लेने नहीं गया। नतीजा ज्यादातर स्थानों पर बने अंत्येष्टि स्थल देख रेख के अभाव में जर्जर स्थिति में पहुंच गए हैं। यही नहीं कहीं जगह पर टीनशेड गायब है तो कहीं सबमर्सिबल पंप ही गायब हो गया है। उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है।