जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि बुलडोजर की कार्रवाई मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जमीयत जल्द ही अपने सुझावों का मसौदा अदालत में पेश करेगी। जमीयत के वकीलों ने अदालत द्वारा नियम और विनियम निर्धारित करने के लिए मसौदे में कई महत्वपूर्ण सुझाव दर्ज किए हैं।
रविवार को मीडिया में जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि भाजपा शासित प्रदेशों में हो रही बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ जमीयत ने सुप्रीम कोर्ट से इस मसले पर हस्तक्षेप की मांग की थी। जमीयत के अनुरोध पर 2 सितंबर को मुकदमे की सुनवाई करते हुए कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन ने बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाने का आदेश दिया था।
इस संबंध में अदालत ने जमीयत समेत अन्य पक्षों से सुझाव मांगे गए थे। कोर्ट के निर्देशानुसार जमीयत उलमा ए हिंद के वकीलों की टीम अपने सुझाव का मसौदा अदालत में पेश करेगी। मौलाना ने कहा कि जमीयत की ओर से एक से अधिक राज्यों को पक्ष बनाने के कारण ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्तर पर दिशा-निर्देश जारी करने का निर्णय लिया है। जिससे देश के विभिन्न हिस्सों में हो रही बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगेगी और और सरकारों की कोर्ट के समक्ष जवाबदेही निर्धारित होगी।