रिपोर्ट- रॉबिन माल
श्रीनगर/गढ़वाल: इस समय बच्चों में हैंड, फुट एंड माउथ बीमारी देखी जा रही है. श्रीनगर गढ़वाल के बेस अस्पताल में हर दिन 4 से 5 बच्चे इस बीमारी से ग्रसित पहुंच रहे हैं. हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (बीमारी) एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से छोटे बच्चों को प्रभावित करती है. यह आमतौर पर एक वायरस के कारण होती है जिसे कॉकसैकी वायरस (Coxsackievirus) कहा जाता है. इस बीमारी के लक्षणों में बुखार, गले में खराश और हाथ, पैरों और मुंह में छोटे छाले या चकत्ते होते हैं. बच्चों को इन छालों के कारण खाने- पीने में भी परेशानी होती है. यह बीमारी आमतौर पर खांसने, छींकने या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलती है.
क्या है हैंड फुट एंड माउथ बीमारी
बेस चिकित्सालय के बाल रोग विभाग के डॉ.सीएम शर्मा ने बताया कि कॉक्ससैकी वायरस से यह बीमारी होती है और एक बच्चे से दूसरे बच्चे में तेजी से फैलती है. यह एक वायरल से होने वाली बीमारी है जो एक हफ्ते के भीतर ठीक हो जाती है. उन्होंने कहा कि 2-5 साल तक के बच्चों में यह सबसे अधिक फैल रही है.
डॉ. शर्मा ने बताया कि बेस चिकित्सालय में पहुंचने वाले बच्चों को जरूरी दवा के साथ ही बच्चे के परिजनों को उनका ख्याल रखने की सलाह दी जा रही है. बताया कि इस बीमारी में ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. यह एक हफ्ते के भीतर समाप्त हो जाती है लेकिन सावधानी बरतने की जरूरत होती है.
डॉ. शर्मा के मुताबित यदि कोई बच्चा संक्रमित हो गया हो तो उसे स्कूल ना भेजें और उसे अन्य बच्चों से कुछ दिनों के लिए दूर रखें. ताकि अन्य बच्चे भी संक्रमित ना हों. उन्होंने कहा कि यदि किसी बच्चे को खाना निगलने में दिक्कत हो रही है या ज्यादा छाले हों तो चिकित्सक को दिखायें.
हैंड फुट एंड माउथ डिजीज के लक्षण
बाल रोग विभाग के डॉ. सीएम शर्मा ने बताया कि उक्त बीमारी की शुरुआत तेज बुखार से होती है जो इसके शुरुआती लक्षणों में से एक है. बच्चे के गला सूखने, हथेलियों, तलवे पर छोटे लाल दाने या छाले हो सकते हैं. इससे बच्चे को भूख नहीं लगती है. बच्चे मुंह में छालों के कारण दर्द होने से खाना नहीं खाते हैं.
बीमारी से ऐसे करें बचाव
डॉ. शर्मा ने बताया हैंड, फुट और माउथ डिजीज से बचने के लिए बच्चों को साफ-सफाई के बारे में सिखाएं. हाथों को साबुन और पानी से नियमित रूप से धोएं. खासकर खाना खाने से पहले और बाथरूम के बाद. संक्रमित बच्चों से दूर रहें और उनके उपयोग की चीजों को न छुएं. बच्चों को मुंह, नाक, और आँखों को छूने से बचाएं. घर और खिलौनों को साफ रखें. छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढकें. अगर किसी में लक्षण दिखें जैसे बुखार या रैशेज तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. ये सरल उपाय बीमारी से बचने में मदद कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : September 8, 2024, 21:14 IST
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