फेमस कथावाचक जया किशोरी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं हैं। घर-घर में लोग जया किशोरी को जानते हैं और उन्हें सुनना पसंद करते हैं। वैसे क्या आप जानते हैं कि जया किशोरी शुरू से कथावाचक नहीं थीं। उनका रुझान इससे पहले डांस और म्यूजिक की ओर था। दोनों ही कलाओं में उन्होंने ट्रेनिंग भी ली। वेस्टर्न डांसर बनने का सपना लिए बड़ी हो रहीं जया किशोरी को पारिवारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा और फिर उन्होंने क्लासिकल डांस सीखा, लेकिन ये जर्नी भी बीच में ही छूट गई और वो डांसर-सिंगर से कथावाचक बन गई। कथावाचक बनने के लिए परिवार में धार्मिक माहौल और धर्म-कर्म में उनका रुझान सबसे बड़ा आधार बना। अब कैसी रही जया किशोरी की जर्नी आपको बताते हैं।
कमाल का डांस करती थी जया किशोरी
जया किशोरी डांस रियलिटी शो ‘बूगी वूगी’ का हिस्सा रह चुकी हैं। वो इस शो के दूसरे सीजन में नजर आई थीं। 48वें एपिसोड से उनका इंट्रोडक्शन और क्लासिकल डांस वीडियो आज भी काफी वायरल होता है। इसका वीडियो लोग बार-बार देखते हैं। कोलकाता की रहने वाली जया किशोरी ने 10 साल की उम्र में इस शो में हिस्सा लिया था। लंहगा-चोली और सिर पर चुनरी लिए वो शो में परफॉर्म करने आई थीं। उन्होंने अपनी इच्छा भी जाहिर करते हुए कहा था कि अगर वो शो जीत जाती हैं तो वो मुंबई में सिद्धिविनायक जाएंगी और गणपति जी के गाल खींचेंगी। बड़े ही जोश के साथ वो डांस करती भी वीडियो में नजर आती हैं। वीडियो में उन्हें क्लासिकल डांस करते देखा जा सकता है। वो श्री कृष्ण के गीत पर थिरकती नजर आ रही हैं।
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डांस के साथ गायन में भी थी रुचि
जया किशोरी ने अपनी परफॉर्मेंस के बाद बताया था कि वो क्लासिकल डांस एक साल से सीख रही हैं और डांस सीखते हुए उन्हें दो साल हो गए। साथ ही बताया कि वो गाना भी गाती हैं और उसकी भी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। जया किशोरी ने ये भी साझा किया कि वो नवरंग डांस फॉर्म भी करती हैं। जया किशोरी के पिता ने बताया कि उनकी बेटी का रुझान वेस्टर्न डांस फॉर्म की ओर था, लेकिन परिवार वालों ने वो सीखने के लिए रोका। घर बुजुर्ग चाहते थे कि वो डांस से दूर ही रहें। उनके पिता ने ये भी बताया कि काफी मनाने के बाद क्लासिकल डांस फॉर्म के लिए जया को तैयार किया था। साथ ही उन्होंने बताया कि मारवाणी समाज से आने के चलते भी मुश्किलें रहीं। वैसे उनके पिता का कहना था कि जया छोटी उम्र से ही फेमस हैं और कृष्ण भजन गाने के लिए जानी जाती हैं।
तो ऐसे बनीं कथावाचक
परिवार में हमेशा से ही धार्मिक माहौल रहा। ऐसे में आगे चलकर जया किशोरी को अपना पैशन छोड़ना पड़ा। जया किशोरी का कहना है कि उनका खुद का रुझान भी धार्मिक कार्यक्रमों की ओर बढ़ गया और वो कथावचक बन गईं। भगवान की भक्ति में ही अब उनका ज्यादा वक्त बीतता है। जया किशोरी अपनी कथाओं से काफी लोगों को इंस्पायर भी करती हैं। काफी छोटी उम्र में शुरू हुई उनकी डांस जर्नी लंबी नहीं बन सकी लेकिन उनकी पॉपुलैरिटी अब पहले से भी ज्यादा है। पहले कभी डांस और सिंगिग को लेकर पहचानी जाने वाली जया अब कथावाचक के रूप में घर-घर में पहचानी जाती हैं।