भारतीय एथलीट्स का पेरिस पैरालंपिक में मेडल जीतने का सिलसिला जारी है। भारत की झोली में नवीनतम मेडल नागालैंड के होकाटो होटोझे सेमा ने ब्रॉन्ज के रूप में डाला। उन्होंने पुरुषों की शॉट पुट एफ47 इवेंट तीसरा पायदान हासिल किया। पेरिस पैरालंपिक में रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन करते हुए भारत अभी तक 27 मेडल अपने नाम कर चुका है। सेमा ने पिछले साल हांग्जो पैरा खेलों में भी कांस्य पदक जीता था और पेरिस में भी अपने प्रदर्शन को दोहराया। वह पैरालिंपिक में पदक जीतने वाले नागालैंड के पहले एथलीट भी हैं। यह 40 वर्षीय का पैरालिंपिक में पहला मौका भी था और उन्होंने इस मंच पर अपना दबदबा साबित किया। भारतीय सेना में कार्यरत और वर्तमान में पुणे में रहने वाले दीमापुर में जन्मे सेमा ने 13.88 मीटर से शुरुआत की और फिर 14.00 मीटर तक पहुंचे। इसके बाद उन्होंने 14.40 मीटर, 14.65 मीटर, 14.15 मीटर और 13.80 मीटर की दूरी तय की। यह 14.65 मीटर उनका व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ थ्रो भी है।
प्रवीण के गोल्ड के साथ मेडल टैली में किस नंबर पर पहुंचा भारत? रच दिया इतिहास
इसी इवेंट में हिस्सा लेने वाले दूसरे भारतीय एथलीट सोमन राणा 14.07 के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ पांचवें स्थान पर रहे। अपने आखिरी प्रयास के समय वे तीसरे स्थान पर थे, लेकिन फिनलैंड के तीजो कूपिका और होटोजे ने बेहतर प्रदर्शन कर उन्हें मेडल की दौड़ से बाहर कर दिया।
ईरान के यासीन खोसरावी 15.96 मीटर थ्रो के साथ गोल्ड पर कब्जा जमाने में कामयाब रहे, जबकि ब्राजील के पॉलिनो डॉस सैंटोस ने 15.06 मीटर के थ्रो के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
होकाटो होटोझे सेमा ने LOC पर खोया पैर
एक दुखद दुर्घटना में, 2002 में LOC पर एक सैन्य अभियान के दौरान बारूदी सुरंग विस्फोट के कारण सेमा ने अपना बायां पैर खो दिया। लेकिन इससे उनकी उम्मीदें नहीं डगमगाईं और उन्होंने 32 साल की उम्र में शॉटपुट करने का फैसला किया। सेमा वर्तमान में भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत हैं।
सेमा ने 2022 में मोरक्को ग्रैंड प्रिक्स में रजत पदक जीता था और इस साल की शुरुआत में वह 2024 वर्ल्ड चैंपियनशिप में चौथे स्थान पर रहे थे।