बरेली की डेलापीर स्थित फल मंडी में गुरुवार रात 11 बजे अचानक आग लग गई। इससे सी-ब्लॉक में टिन शेड के नीचे स्थित फलों की 24 दुकानों में रखा सारा सामान जलकर राख हो गया। आग के चलते गैस सिलेंडर और इन्वर्टर की बैटरी फटने से तेज धमाके भी हुए। फायर ब्रिगेड ने तीन घंटे बाद आग बुझाने में सफलता हासिल की। डेलापीर मंडी के सी ब्लॉक में फल मंडी में गुरुवार रात 11 बजे अचानक ही आढ़तों-दुकानों में आग लग गई। आसपास मौजूद व्यापारियों और मजदूरों ने आग बुझाने का प्रयास किया लेकिन आढ़त में प्लास्टिक की क्रेट होने के कारण आग विकराल होती गई।
सीओ तृतीय अनीता चौहान और तीन थानों की पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। शेड के नीचे स्थित 24 आढ़त और ऊपर बने कुछ गोदाम भी आग की चपेट में आ गए। लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी तो करीब साढ़े 11 बजे दमकल की एक गाड़ी मौके पर पहुंची और आग बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। आग भीषण होने से एक गाड़ी काबू नहीं कर पाई और फिर अन्य गाड़ियां बुलाई गईं। एक-एक करके दमकल की चार गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। आग से भारी नुकसान हुआ है। रात दो बजे तक आग बुझाई जासकी।
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आग से भारी नुकसान
आग के चलते टिन शेड टूट-टूटकर नीचे गिरने लगे। गोदाम में रखे इस्तेमाल के सिलेंडर और इन्वर्टर की बैटरी फटने से धमाके हुए तो हड़कंप मच गया। फल मंडी के अध्यक्ष आफताब आलम ने बताया कि आग में रियासत, हसीन, सलीम, इस्लाम, सरदार, सुभान समेत अन्य लोगों की 24 आढ़त जल गई हैं।
दो घंटे तक उठती रहीं लपटें, धमाकों से दहशत
डेलापीर फल मंडी की आग इतनी विकराल थी कि पूरी व्यापारी दहशत में आ गए। दो घंटे तक आग की ऊंची लपटें व्यापारियों को भयभीत करती रहीं। सिलेंडर व बैटरी फटने से हुए धमाकों से वहां हड़कंप मच गया। रात दो बजे के बाद आग पर काबू पाया जा सका। व्यापारियों ने बताया कि सी ब्लॉक में टिन शेड के नीचे उनकी आढ़तें संचालित होती हैं और पीछे की ओर पक्की दुकानें बनी हुईं, जिन्हें वे लोग गोदाम के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। कई प्रदेशों के मजदूर यहां काम करते हैं। इन दिनों मौसमी, नारियल, सेब, पपीता, अनार, केला आदि का बाजार में काम है, जिससे सभी व्यापारियों की आढ़तें भरी हुई थीं। रात भर फलों के वाहनों का मंडी में आना-जाना बना रहता है।
रात करीब 11 बजे सभी लोग काम में व्यस्त थे और अचानक टिन शेड के नीचे आग लगने की जानकारी हुई। सबने मिलकर आग बुझाने का प्रयास शुरू किया लेकिन वह काबू में आने के बजाय विकराल होती चली गई। जिसने भी आग के बारे में सुना वह दुकानों की ओर दौड़ पड़े। मगर इसी बीच वहां पर धमाके होने भी शुरू हो गए। यह धमाके खाना बनाने के लिए वहां रखे गैस सिलेंडर और इन्वर्टर की बैटरी के थे, जिसके चलते लोगों में हड़कंप मच गया। सूचना पर सीओ तृतीय अनीता चौहान इज्जतनगर, बारादरी, कोतवाली और प्रेमनगर की फोर्स लेकर मौके पर पहुंचीं।
फायर ब्रिगेड के प्रति लोगों में आक्रोश
फल व्यापारियों का कहना है कि आग लगते ही उन लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दे दी थी। मगर दमकल की गाड़ी साढ़े 11 बजे के बाद पहुंची। एक गाड़ी होने के चलते वह भी आग पर कोई काबू नहीं पा सकी। अगर एकसाथ चार-पांच गाड़ियां भेजी जातीं तो आग पर जल्दी काबू पा लिया जाता और उन लोगों का इतना बड़ा नुकसान नहीं होता।
दस्तावेज, रुपये भी जले
व्यापारियों का कहना है कि दूसरे प्रदेशों से यहां रहकर काम करने वाले लोग आढ़त के गोदामों में रहते हैं और अपने रुपये समेत अन्य सामान वहीं रखते हैं। हिसाब-किताब भी वहां रहता है। मगर इस आग से वहां रखी नकदी समेत सारा सामान जल गया है। उन लोगों ने इस हादसे में करोड़ों रुपये का नुकसान होने की बात कही है।
हफ्तेभर का स्टॉक जला
सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान ने बताया कि फल मंडी में एक सप्ताह का स्टॉक हमेशा रखा रहता है। वह सभी जल गईं। आढ़ती सलीम का कहना है कि यदि आग लगने की सूचना पर फायर की गाड़ियां जल्दी आतीं तो कुछ दुकानेंबचसकतीथीं।
डेलापीर सब्जी मंडी में आग बुझाने तक का इंतजाम नहीं
सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष शुजा उर रहमान का कहना है कि बरेली की इस सबसे बड़ी मंडी में आग बुझाने के कोई उपाय नहीं हैं। पिछले करीब दस साल से वह लगातार मंडी समिति से इस संबंध में मांग भी करते आए हैं लेकिन कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया। आज यदि मंडी में आग बुझाने का कुछ भी उपाय होता तो इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। नवीन फल एवं सब्जी आढ़ती वेलफेयर सोसायटी के सदस्य आढ़ती सलीम का कहना है कि मंडी में टैंक आदि बनाकर आग बुझाने की व्यवस्था की गई होती तो इतना बड़ा नुकसाननहींहोता
मंडी समिति से दिलाई जाएगी मदद
सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि मंडी में अधिकांश लोगों ने दुकानों का किसी तरह को कोई बीमा भी नहीं करा रखा है। फल मंडी में तो किसी ने भी इंश्योरेंस नहीं कराया हुआ है। ऐसे में कारोबारियों का करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने नुकसान की भरपाई के संबंध में मंडी समिति के सचिव संतोष यादव से बात की है। संतोष यादव ने मंडी समिति की ओर से पीड़ित दुकानदारों और आढ़तियों को नियमानुसार मदद दिलाने का आश्वासनदियाहै।
बाहर ही रोके गए फलों के वाहन
मंडी में रात भर फल के वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। हादसा होने के बाद बाहर से आने वाली सभी गाड़ियों को मंडी के बाहर ही रोक दिया गया। वहां बड़ी संख्या मेंलोगजुटेरहे।