भारतीय जनता पार्टी इन दिनों सदस्यता में जुटी है। यूपी में पार्टी ने दो करोड़ से अधिक सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। सदस्यता अभियान खत्म होते ही भाजपा में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। खबर है कि प्रदेश की जिन लोकसभा सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है, उन जिलों के जिलाध्यक्ष बदले जाएंगे। ऐसे प्रदेश में तकरीबन 50 जिले हैं। इसके अलावा दो कार्यकाल पूरे करने वाले और शिकायत वाले जिला व महानगर अध्यक्ष भी बदले जाएंगे। पार्टी में मंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक बदलाव होने हैं।
भाजपा ने संगठनात्मक दृष्टि से प्रदेश को 98 जिलों में बांट रखा है। पार्टी ने इन दिनों सदस्यता अभियान का पहला चरण शुरू किया है। इसमें दो से 25 सितंबर तक साधारण सदस्य बनाए जाने हैं। दूसरा चरण एक से 15 अक्तूबर के बीच चलेगा। इस दौरान सक्रिय सदस्य बनाने का अभियान चलेगा। अक्तूबर में सदस्यता का दूसरा चरण खत्म होते ही पार्टी में संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसी के साथ भाजपा में बदलाव का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा। लोकसभा चुनाव में भाजपा 64 से सरककर 33 सीटों पर आ गई थी। यूपी में सीटें घटने का नतीजा यह हुआ कि केंद्र में भाजपा अपने बल पर पूर्ण बहुमत नहीं पा सकी।
महामंत्री संगठन ने दिए सख्ती के संकेत
इसे लेकर प्रदेश से लेकर पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व तक चिंतित है। अब संगठनात्मक चुनाव के जरिए गड़बड़ी करने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी है। सिर्फ जिलाध्यक्ष ही नहीं ऐसे तमाम लोग निशाने पर हैं, जिन्होंने गड़बड़ी की है। पार्टी अब निष्क्रियता बरतने वालों या गड़बड़ करने वालों के प्रति सख्ती करेगी, इसके संकेत प्रदेश महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह ने हालिया प्रदेश पदाधिकारियों व जिला प्रभारियों की सदस्यता को लेकर बुलाई बैठक में भी दे दिए थे।
पार्टी विरोधी पोस्ट करने वालों पर भाजपा की नजर
सोशल मीडिया पर भी पार्टी विरोधी पोस्ट करने वालों पर भाजपा की नजर है। लोकसभा चुनाव में गड़बड़ी करने वालों के अलावा सदस्यता अभियान में रुचि न लेने वाले भी चिन्हित किए जाएंगे। उन्हें भी पार्टी निकट भविष्य में जिम्मेदारियों से पैदल कर सकती है।