सुल्तानपुर में सर्राफा के यहां हुई लूट और उसके बाद अपराधियों की धरपकड़ के बीच गुरुवार को एक आरोपी मंगेश यादव को एनकाउंटर में ढेर करने की खबर आते ही यूपी की राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि जाति देखकर जान ली गई है। अखिलेश को ओपी राजभर समेत कई नेताओं ने जवाब भी दिया। इसी बीच गुरुवार की शाम अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को लेकर बहुत बड़ा आरोप लगाया है। अखिलेश ने कहा कि एनकाउंटर के नाम पर दो दिन पहले मंगेश को पकड़ा गया फिर शरीर में बंदूक सटाकर गोली मार दी गई। अखिलेश ने यहां तक कहा कि मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव भी डाला जा रहा है। अखिलेश ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर तत्काल संज्ञान लेने की अपील भी की है।
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि दो दिन पहले जिसको उठाया और एनकाउंटर के नाम पर बंदूक सटाकर गोली मारकर हत्या की गई। अब उसकी मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने का दबाव डाला जा रहा है। इस संगीन शासनीय अपराध का सर्वोच्च न्यायालय तुरंत संज्ञान ले, इससे पहले की सबूत मिटा दिये जाएं।
सुलतानपुर डकैती कांड का आरोपी हार्डकोर शूटर एनकाउंटर में ढेर, एक लाख का था इनाम
अखिलेश ने इससे पहले एक्स पर ही लिखा था कि लगता है सुल्तानपुर की डकैती में शामिल लोगों से सत्ता पक्ष का गहरा संपर्क था, इसीलिए तो नकली एनकाउंटर से पहले ‘मुख्य आरोपी’ से संपर्क साधकर सरेंडर करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों पर सिर्फ दिखावटी गोली मारी गयी और ‘जात’ देखकर जान ली गयी।
अखिलेश ने यह भी लिखा कि जब मुख्य आरोपी ने सरेंडर कर दिया है तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए क्योंकि ऐसी घटनाओं का जो मानसिक आघात होता है उससे उबरने में बहुत समय लगता है, जिससे व्यापार की हानि होती है, जिसकी क्षतिपूर्ति सरकार करे।
अखिलेश ने कहा कि नकली एनकाउंटर रक्षक को भक्षक बना देते हैं। समाधान नकली एनकाउंटर नहीं, असली क़ानून-व्यवस्था है। भाजपा राज अपराधियों का अमृतकाल है। जब तक जनता का दबाव व आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुंच जाता है, तब तक लूट में हिस्सेदारी का काम चलता रहता है और जब लगता है जनता घेर लेगी तो नकली एनकाउंटर का ऊपरी मरहम लगाने का दिखावा होता है। जनता सब समझती है कि कैसे कुछ लोगों को बचाया जाता है और कैसे लोगों को फंसाया जाता है।