मथुरा में आरपीएफ के सहयोग से सीटीआई स्क्वाड ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो खुद को रेलवे बोर्ड का डायरेक्टर बताकर मुफ्त में फर्स्ट एसी में सफर करता था। उसके कब्जे से एक दर्जन से अधिक प्रथम श्रेणी कोच में सफर करने के रेलवे पास, 70166 रुपये की नकदी, आईडी कार्ड बरामद हुआ। रेलवे बोर्ड की एलआईयू टीम को लम्बे समय से इस बात की शिकायतें मिल रही थीं कि रेलवे बोर्ड का एक अफसर विभिन्न ट्रेनों के प्रथम श्रेणी कोच में सफर करता है। इस शिकायत पर एलआईयू टीम ने उसकी निगरानी शुरू की।
सोमवार को ट्रेन संख्या 20403 प्रयागराज-लालगढ़ एक्सप्रेस में ड्यूटी कर रहे एमके भूटान सीटीआई, सीटीसी स्क्वाड रेलवे बोर्ड व ऑन ड्यूटी टीटीई सिद्धार्थ शंकर शर्मा मुख्यालय ने ट्रेन के एच-वन कोच में एक अवैध रेलवे पास पर आरक्षण कराकर यात्रा करने वाले संदिग्ध की सूचना आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक अवधेश गोस्वामी को दी। इस सूचना के बाद आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक अपनी टीम के साथ ट्रेन के आने की प्रतीक्षा करने लगे। ट्रेन के जंक्शन पहुंचते ही आरपीएफ ने उसे पकड़ लिया। उसके कब्जे से रेलवे के अवैध पास पर फर्जी दस्तावेज मिले।
उसने खुद को भारत सरकार रेल मंत्रालय के अधीन रेलवे बोर्ड में डायरेक्टर बताते हुए अपना नाम रविंद्र पांडे बताया। आधार कार्ड के मुताबिक उसका नाम राम गोपाल विश्वकर्मा पुत्र सोनेलाल विश्वकर्मा, निवासी 1043 शिवाजी नगर ठाथीपुर ग्वालियर मध्य प्रदेश पता चला। तलाशी में उसके कब्जे से 8 प्रथम श्रेणी के पास, 2 कैंसिल टिकट, 6 फर्स्ट क्लास एसी टिकट व 70,166 रुपये की नकदी बरामद हुई। आरपीएफ ने उसे जीआरपी को सौंप दिया।
स्टेशन निदेशक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे बोर्ड का फर्जी अफसर बन कर फ्री पास के आधार ट्रेनों में यात्रा करने वाले को पकड़ा गया है। उसके कब्जे से फर्जी पास, नकदी व आईकार्ड बरामद हुए हैं। उसके खिलाफ सुसंगठित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। इस बारे में जांच की जा रही है। उसके साथ और कौन लोग शामिल हैं इसकी जांच कराई जा रही है।
जीआरपी थाना प्रभारी निरीक्षक समर बहादुर ने बताया कि खुद को रेलवे का अफसर बता कर यात्रा करने वाले को रेलवे की चेकिंग टीम ने पकड़ कर दिया है। उसके खिलाफ टीटी स्टाफ सिद्धार्थ शर्मा ने मुकदमा पंजीकृत कराया है।
रेलवे में भर्ती कराने के नाम पर ठगी का शक
रेलवे बोर्ड की सूचना पर पकड़े गए फर्जी अफसर के कब्जे से 70 हजार रुपये से अधिक की धनराशि बरामद हुई है। इसे लेकर रेलवे अफसरों को शक है कि वह रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह से जुड़ा हो सकता है। इस बारे में रेलवे की टीम तहकीकात कर रही है। स्टेशन निदेशक एसके श्रीवास्तव ने बताया कि रेलवे बोर्ड का फर्जी अधिकारी करने वाले के बारे में गहनता से जांच कराई जा रही है। उसके तार रेलवे में भर्ती कराने के नाम पर बेरोजगारों से ठगी करने वाले गिरोह से जुड़े हो सकते हैं।