भारत के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यतिराज ने सोमवार को पेरिस पैरालंपिक 2024 में सिल्वर मेडल अपने नाम किया। वह पुरुष एकल एसएल4 स्पर्धा के फाइनल में सीधे गेम में हार गए। सुहास ने सिल्वर जीतने के बावजूद एक बड़ा कारनामा अंजाम दिया है। वह पैरालंपिक खेलों में लगातार दो मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी बन गए हैं। उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में भी सिल्वर पर कब्जा जमाया था। सुहास 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
सुहास को एसएल4 स्पर्धा के फाइनल में फ्रांस के लुकास माजूर ने 9-21, 13-21 से मात दी। वह दोनों सेट में बेदम नजर आए। टोक्यो में भी सुहास के गोल्ड जीतने की उम्मीदों पर लुकास ने ही पानी फेरा था। वह पेरिस में हिसाब चुकता करने से चूक गए। 41 वर्षीय सुहास ने सुकांत को 21-17, 21-12 से हराकर फाइनल में जगह बनाई थी। बता दें कि एसएल4 वर्ग में वो एथलीट खेलते हैं, जिनके निचले अंग में कमजोरी होती है। सुहास के बाएं टखने में जन्म से विकार है।
पेरिस पैरालंपिक में भारत की झेली में 12वां मेडल आया है। भारत ने पेरिस में पैरा बैडमिंटन में कुल चार पदक हासिल किए हैं। सुहास से पहले नितेश कुमार गोल्ड, तुलसीमति मुरूगेसन ने सिल्वर जबकि मनीषा रामदास ने ब्रॉन्ज पर कब्जा जमाया। मनीषा पैरालंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं।
कंप्यूटर इंजीनियर से आईएएस अधिकारी बने सुहास ने अपने टखने की कमजोरी को बैडमिंटन के प्रति अपने जुनून में कभी बाधा नहीं बनने दिया। कोविड-19 महामारी के दौरान गौतम बुद्ध नगर के जिला मजिस्ट्रेट के रूप में काम करने वाले सुहास प्रयागराज के डीएम भी थे। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार के तहत युवा कल्याण और प्रांतीय रक्षक दल के सचिव और महानिदेशक के रूप में तैनात सुहास का प्रशासन से बैडमिंटन कोर्ट तक का सफर उनकी दृढ़ता का गवाह है।