लोकसभा में विपक्ष के नेता और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने सुल्तानपुर के मोची चेतराम को एक बार फिर गिफ्ट भेजा है। इस बार राहुल की तरफ से लाखों का सामान भेजा गया है। कूरेभार विकास खंड के गुप्तारगंज कस्बा स्थित विधायक नगर में गुमटी में जूता चप्पल सिलने वाले चेतराम मोची का भाग्य अचानक 26 जुलाई को तब चमका था जब राहुल गांधी कोर्ट में पेशी के बाद लौटते समय उससे मुलाकात करने के लिए रुक गए थे। दो माह में दूसरी बाद सोमवार को टीम राहुल लाखों का जूता चप्पल बनाने का कच्चा माल लेकर उनकी दुकान पर पहुंची। इससे पहले जूता चप्पल बनाने का कच्चा माल भेजा था। राहुल की सौगात को पाकर चेतराम की खुशियों का ठिकाना नहीं है।
चेतराम बताते हैं कि उनके मोबाइल की घंटी रविवार को रात 11 बजे बज उठी। उसकी नींद टूटी, फोन उठाया और पूछा कौन… दूसरी ओर से जवाब मिला हम राहुल गांधी की टीम से बोल रहे हैं। कल सोमवार सुबह 11 बजे दुकान पर ही रहिएगा, राहुल गांधी ने आपके लिए कुछ सामान भेजा है वो आप तक पहुंचाना है। इसके बाद फोन कट गया,चेतराम को खुशी में रात में नींद नहीं आई। सुबह 11 बजे का इंतजार करने लगे। विधायक नगर में गुमटी में बोर्ड पर रामचेत ने राहुल गांधी के संग अपनी व बेटे की तस्वीर तक लगा रखी है। रात में बताए गए समय के अनुसार उनका बेटा सोमवार 11 बजे से दुकान पर था।
दोपहर करीब दो बजे पुलिस स्कॉट गाड़ी के साथ एक चार पहिया वाहन आकर रुका, तीन लोग उस पर से उतरे। सभी ने बताया कि हम राहुल गांधी की टीम के सदस्य हैं, आपके भईया ने आपके लिए कुछ सामान भेजे हैं। उसे खोलने पर उसमें लाखो रुपए के जूता बनाने का कच्चा माल यथा धागा, रिपिट, सुलोशन, लेदर, रेक्सीन, जूते चप्पल की सोल, पेस्ट, सुई-धागा इत्यादि सामान थे। इससे व्यवसाय बढ़ाने में आसानी होगी। चेतराम ने कहा कि इससे लेडीज व जेंट्स दोनों के चप्पल-जूते तैयार कर सकते हैं। कुल चार कार्टन माल राहुल भईया ने भेजा है।
गौरतलब है कि 26 जुलाई को सुलतानपुर कोर्ट में अमित शाह मानहानि के केस में पेशी पर आए राहुल गांधी सड़क मार्ग से दिल्ली लौटते समय गुप्तारगंज कस्बा स्थित विधायक नगर में गुमटी में चेतराम से मिले और पूछा जूता कैसे सिलते हो। फिर एक चप्पल की सिलाई की और एक जूता चिपकाया था। राहुल के सिले जूते-चप्पल की कीमत दस लाख रुपए तक लगी मगर चेतराम ने उसे बेचने से इंकार कर दिया। उसके बाद टीम राहुल ने उन्हें एक जूता सिलाई मशीन कारोबार को आगे बढ़ाने के लिए भेजी थी।