UP Police Recruitment Exam: पुलिस भर्ती परीक्षा में आगरा में 80 संदिग्धों ने भी परीक्षा दी है। जांच के दौरान पुलिस और भर्ती बोर्ड ने उन्हें संदिग्ध की सूची में रखा। प्रवेश पत्र पर लगा फोटो परीक्षा देने आए चेहरे से मैच नहीं हो रहा था। किसी के हस्ताक्षर नहीं मिल रहे थे। ऐसे अभ्यर्थियों को परीक्षा तो देने दी गई, लेकिन उनसे घोषणापत्र भरवाया गया है। सभी को अस्थायी अभ्यर्थी माना गया है। परिणाम से पहले सभी की जांच होगी। इसमें कोई फर्जी निकला तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
आगरा में 27 सेंटर थे। पांच दिन परीक्षा चली। पांच दिन में 78674 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। सात फर्जी अभ्यर्थी पकड़े गए। मुकदमे लिखकर जेल भेजे गए। पुलिस भर्ती परीक्षा के लिए त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा बनाया गया था। सत्यापन के लिए एआई की मदद ली गई थी। परीक्षा के दौरान 80 अभ्यर्थी ऐसे भी शक के घेरे में आए जिनके फोटो का मिलान नहीं हो रहा था। प्रवेश पत्र पर जो फोटो लगी थी वह अभ्यर्थी के चेहरे से मैच नहीं हो रही थी। बायोमेट्रिक कराया तो वह सही निकला। नाम, जन्मतिथि सहित अन्य जानकारियां ठीक थीं। ऐसी स्थिति में भर्ती बोर्ड के निर्देश पर इन अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलाई गई। सभी से दो फार्म शपथपत्र के रूप में भरवाए गए। सभी को अस्थायी अभ्यर्थी माना गया। पहले सत्यापन कराया जाएगा। उसके बाद इन अभ्यर्थियों का परिणाम जारी होगा। ऐसे अभ्यर्थियों का तर्क था कि आवेदन के समय पुराना फोटो लगा दिया था। नया फोटो नहीं था। कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी थे जिनके हस्ताक्षर का मिलान नहीं हो रहा था। फार्म भरा तो दूसरे तरह के हस्ताक्षर किए थे।
गिरफ्तार फर्जी अभ्यर्थी भेजे जेल
शनिवार को परीक्षा के दौरान चार संदिग्ध अभ्यर्थी पकड़े गए थे। चारों ने दो-दो बार हाईस्कूल किया था। दो-दो आधार कार्ड बनवाए थे। उम्र कम करने के लिए ऐसा किया था, ताकि ओवरएज नहीं हों। आगे भी परीक्षाएं देते रहें। सिपाही पद के लिए सामान्य वर्ग की समय सीमा 25 वर्ष है। आरक्षण वालों को उम्र की छूट मिलती है। परीक्षा के दौरान गिरफ्तार हाथरस के समीर, जलेसर निवासी नरेश, सादाबाद निवासी इंद्रपाल व एटा निवासी देवेश को पकड़ा गया था। चारों को रविवार को जेल भेज दिया गया।
क्या बोली पुलिस
डीसीपी मुख्यालय सैयद अली अब्बास ने कहा कि संदिग्ध अभ्यर्थियों के सत्यापन की गाइड लाइन भर्ती बोर्ड से ही तय होगी। परीक्षा केंद्रों पर ऐसे अभ्यर्थियों को भर्ती बोर्ड के निर्देश पर ही परीक्षा में शामिल होने दिया गया। सभी संदिग्धों की सूची अलग से बनवाई। सभी को बताया भी गया कि जांच में तथ्य गलत निकलने पर मुकदमा लिखा जाएगा। जेल भेजा जाएगा।