यूपी पुलिस में रेडियो आपरेटर भर्ती की पहली फरवरी को हुई ऑनलाइन परीक्षा में कंप्यूटर सिस्टम हैक कर प्रश्नपत्र लीक करने वाले गिरोह के चार और शातिरों को साइबर पुलिस की टीम ने रविवार को पकड़ा है। गिरफ्तार आरोपियों में तत्कालीन केंद्र व्यवस्थापक महिला भी है। दो लोगों को फरवरी में ही परीक्षा के बाद पकड़ लिया गया था। गिरफ्तार आरोपियों में चमरहा स्थित परीक्षा केंद्र करन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के तत्कालीन आईटी हेड सिंधोरा बाजार निवासी उमेश कुमार भारद्वाज, नाटी इमली निवासी हिमांशु त्रिपाठी, दीनदयालपुर निवासी अजय कुमार मौर्य हैं।
जानकारी के मुताबिक शातिर पहले अभ्यर्थियों से बात करते थे। परीक्षा केंद्र पर अभ्यर्थी का कंप्यूटर हैक कर उसका एक्सेस बाहर बैठे सॉल्वर को भेजकर पास कराने का ठेका लेते थे। इसमें अच्छी खासी रकम ली जाती थी। ऑनलाइन सेंटर के व्यवस्थापक तथा आईटी हेड के साथ मिलकर सेटिंग करते थे। परीक्षा के एक दिन पहले अभ्यर्थी के कम्प्यूटर को बूटेबल मोड से कंप्यूटर उसमें रिमोट एक्सेस अप्लीकेशन एनीडेस्क इन्स्टाल करते थे। उसका एक्सेस बाहर बैठे हैकर को देते थे। हैकर कम्पयूटर में इंटरनेट के लिए सीसी प्रॉक्सी सर्वर इन्स्टाल करता था। इसके बाद वह कम्प्यूटर में एएमएमवाई एडमिन नामक साफ्टवेयर डालता था। पकड़े गये आरोपी परीक्षा के दिन कम्प्यूटर का आईपी एड्रेस बाहर बैठे हैकर को दे देते थे। इससे कम्प्यूटर की स्क्रीन हैकर के पास दिखने लगती थी। वहां सॉल्वर प्रश्नपत्र हल करता था।
इस तरह पकड़ी गई थी हैकिंग
पहली फरवरी करन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी पर परीक्षा थी। बड़ागांव निवासी ऋतिक संतोष शंकर सिंह इन्विजिलेटर थे। सुबह की पाली में सीट नंबर 16 पर परीक्षार्थी मनोज यादव कम्प्यूटर सिस्टम पर बैठा था। उस दौरान केंद्र का आईटी हेड इंचार्ज उमेश भारद्वाज और उसके साथ आया साहिल अख्तर नामक युवक कम्प्यूटर में छेड़छाड़ कर रहा था। कम्प्यूटर बार बार चालू बंद कर रहे थे। इस दौरान अधिकारियों को सूचना दी गई। परीक्षा के दिन ही मकबूल आलम रोड निवासी साहिल और रुस्तमपुर (चौबेपुर) निवासी मनोज को गिरफ्तार कर लिया गया था। चोलापुर थाने में केस दर्ज कराया गया था। बाद में विवेचना साइबर थाने में स्थानांतरित कर दी गई।