ब्रिटेन की प्रतिष्ठित साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी को भारत में अपना कैंपस खोलने की मंजूरी मिल गई है। यूजीसी नियमों के मुताबिक देश में विदेशी कैंपस शुरू करने वाली पहली साउथेम्प्टन पहली यूनिवर्सिटी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत केंद्र सरकार ने इसे कैंपस शुरू करने अनुमति दी है। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ग्लोबल रैंकिंग क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में 81वें स्थान पर और टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 में 97वें स्थान पर रखा गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यूके की यूनिवर्सिटी का पहला कैंपस एनसीआर के गुरुग्राम में खुल सकता है।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 2023 में भारत में विदेशी उच्च शिक्षण संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन विनियमों की घोषणा की थी। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां एक कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों को आशय पत्र (एलओआई) सौंपा। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि उसका दिल्ली-एनसीआर कैंपस देश में शिक्षा, अनुसंधान और ज्ञान के आदान-प्रदान तथा उद्यम गतिविधियों को बढ़ावा देगा। अधिकारियों के अनुसार, साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने एक शाखा परिसर खोलने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसे यूजीसी की स्थायी समिति ने नियमों के अनुसार आशय पत्र जारी करने के लिए मंजूरी दे दी है। समिति में भारत और विदेश के जाने-माने शिक्षाविद शामिल हैं।
कौन से कोर्स कराए जाएंगे
साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने भारत में बनने वाले अपने कैंपस के लिए दस वर्ष का प्रोजेक्टेड कोर्स प्लान सौंपा है। पेश किए जाने वाले पाठ्यक्रम बिजनेस एंड मैनेजमेंट, कंप्यूटिंग, कानून, इंजीनियरिंग, कला एवं डिजाइन, जैव विज्ञान और जीवन विज्ञान पर केंद्रित विषयों में होंगे।”
– पहले वर्ष में बीएससी कंप्यूटर साइंस, बीएससी बिजनेस मैनेजमेंट, बीएससी अकाउंटिंग एंड फाइनैंस, बीएससी इकनॉमिक्स, एमएससी इंटरनैशनल मैनेजमेंट, एमएससी फाइनैंस जैसे कोर्स होंगे।
– दूसरे वर्ष में यूनिवर्सिटी बीएससी सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, बीएससी क्रिएटिव कंप्यूटिंग, एमएससी इकनॉमिक्स कोर्स को जोड़ेंगी।
– तीसरे वर्ष में एलएलबी लॉ और बी. इंजीनियरिंग (मकैनिकल इंजीनियरिंग) का कोर्स जोड़ा जाएगा। इसी तरह से हर वर्ष नए-नए कोर्स जुड़ते जाएंगे।
भारतीय विश्वविद्यालयों के समान होंगी डिग्रियां
यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार ने कहा, “साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारत परिसर द्वारा प्रदान की जाने वाली डिग्रियां मेजबान विश्वविद्यालय के समान ही होंगी। भारत में साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के शाखा परिसर में पेश किए जाने वाले कार्यक्रमों में समान शैक्षणिक और गुणवत्ता मानक होंगे।” उन्होंने कहा, “साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय के भारतीय परिसर में शैक्षणिक कार्यक्रम जुलाई 2025 में शुरू होने की उम्मीद है।
डीकिन विश्वविद्यालय और वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय के कैंपस पहले से ही गिफ्ट सिटी में
ऑस्ट्रेलिया का डीकिन विश्वविद्यालय और वॉलोन्गॉन्ग विश्वविद्यालय ने गुजरात के गिफ्ट सिटी में पहले ही अपने परिसर स्थापित कर लिए हैं। हालांकि, साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय यूजीसी मानदंडों के तहत भारत में कैंपस (परिसर) स्थापित करने वाला पहला विदेशी विश्वविद्यालय होगा। साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ब्रिटेन में अग्रणी रसेल ग्रुप ऑफ यूनिवर्सिटीज का संस्थापक सदस्य है।
विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष एंड्रयू एथरटन ने कहा कि वे विशेषज्ञ और कौशल वाले विश्वस्तरीय स्नातक तैयार करेंगे। एथरटन ने कहा, “साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय दिल्ली-एनसीआर (परिसर) भारत में पहला व्यापक अंतरराष्ट्रीय परिसर होगा। यह अकादमिक सहयोग को बढ़ावा देगा और भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में एक अंतरराष्ट्रीय आयाम लाएगा, जिससे देश में शीर्ष 100 डिग्री के लिए अध्ययन के अवसर खुलेंगे।”