ऐप पर पढ़ें
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि खुद को एक्सीडेंटल हिंदू बताने वाले नेता को देश के निर्माण में योगदान देने वाले हिंदू राजाओं और अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिरों को नष्ट करने के जिम्मेदार मुगल बादशाहों के बारे में भी बात करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बातचीत में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) पर कांग्रेस की आपत्ति के बारे में कहा कि यह मानवता का मुद्दा है और कांग्रेस कट्टरपंथियों के दबाव के चलते इसका विरोध कर रही है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ‘निराधार’ टिप्पणियां करते हैं क्योंकि उन्हें भारतीय इतिहास और भूगोल का उचित ज्ञान नहीं है। जो लोग खुद को एक्सीडेंटल हिंदू कहते थे, अगर वे भारतीय इतिहास और संस्कृति के बारे में बात करेंगे तो यह हास्यास्पद लगेगा। आदित्यनाथ ने कहा कि राहुल को भाषण देते समय भारत के निर्माण में योगदान देने वाले चंद्रगुप्त मौर्य, महान अशोक, महाराजा भोज, पृथ्वीराज चौहान, छत्रपति शिवाजी और झांसी की रानी जैसे महान हिंदू शासकों पर भी कुछ टिप्पणियां करनी चाहिए।
आदित्यनाथ ने कहा कि कांग्रेस नेता को मध्यकाल में मुगल सम्राटों द्वारा किए गए ‘अत्याचार’ याद नहीं हैं। उन्हें (राहुल को) यह बात करनी चाहिए थी कि अयोध्या, काशी और मथुरा में मंदिरों को नष्ट करने के लिए कौन जिम्मेदार था। उन्होंने कहा कि राहुल को अतीत में नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालयों में विनाश के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों का भी संदर्भ देना चाहिए।
कांग्रेस ने सबसे अधिक बार संविधान में संशोधन किया
वहीं दलितों और अन्य वंचित हिंदू समूहों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गुमराह करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने सोमवार को दावा किया कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मुसलमानों को धार्मिक आधार पर आरक्षण देने के लिए संविधान को बदलना चाहते हैं। भाजपा सांसद बृजलाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बार-बार दोहराया है कि भीमराव आंबेडकर द्वारा परिकल्पित संविधान को कोई भी बदल नहीं सकता है।
अनुसूचित जाति समुदाय से आने वाले भारतीय पुलिस सेवा के पूर्व अधिकारी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते कहा कि यह कांग्रेस ही है जिसने सबसे अधिक बार संविधान में संशोधन किया और 1975 में आपातकाल लगाने के लिए इसके प्रावधानों को भी निलंबित कर दिया। बृजलाल ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल, खासकर दलितों को गुमराह करने के लिए यह विमर्श फैला रहे हैं कि भाजपा आरक्षण खत्म कर देगी। मौजूदा लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान सत्ताधारी और विपक्षी गठबंधन इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।