मुंबई. भारतीय सिनेमा में कई यादगार फिल्में देने वाले एक्टर इरफान खान की आज पांचवीं पुण्यतिथि है. उनका निधन 29 अप्रैल 2020 को हुआ था. वह ‘न्यूरो इंडोक्राइन ट्यूमर’ से जंग लड़ रहे थे. उनकी आखिरी फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ थी. उन्होंने ‘मकबूल’, ‘हासिल’, ‘हिंदी मीडियम’, ‘तलवार’ जैसी कई हिट और यादगार फिल्में दीं. उनका जन्म राजस्थान के टोंक में हुआ था. मुस्लिम फैमिली में जन्मे इरफान को मांस-मच्छी यानी नॉन वेज पसंद नहीं था. वह शाकाहारी (वेजेटेरियन) थे. इस वजह से लोग उन्हें ब्राह्मण कहते थे.
इरफान खान कई इंटरव्यूज में अपनी फूड हेबिट और नॉन वेज के नहीं खाने के बारे में बात कर चुके हैं. इरफान का पूरा नाम साहबजादे इरफान अली खान था. वह एक मुस्लिम पठान फैमिली से ताल्लुक रखते थे. उन्होंने अपने कई इंटरव्यू में बताया था कि वह एक मुस्लिम परिवार से आने के बाद भी नॉनवेज खाना पसंद नहीं करते थे.
इरफान खान ने बताया था कि वो बचपन से ही शाकाहारी रहे हैं. उनकी नॉन वेज नहीं खाने की वजह से ही उनके पिता मजाक-मजाक में ब्राह्मण कहते थे. उनके पिता अक्सर उन्हें कहते थे किए पठान के घर में एक ब्राह्मण पैदा हो गया है. उनकी पिता के बाद आस-पास के भी लोग उन्हें ब्राह्मण कहने लगे थे.
कई रिपोर्ट्स में दावा में किया गया है कि इरफान के पिता उन्हें अक्सर शिकार पर लेकर जाते थे, लेकिन उन्हें जानवरों को मारना पसंद नहीं था. वह राइफल चलाना जानते थे, लेकिन शिकार करने से बचते थे. वह जानवरों को पसंद करते थे. उनसे जुड़ाव महसूस करते थे. इसलिए वह कभी मांसाहारी नहीं बन सके. हालांकि इरफान को जंगला का माहौल और हरियाली बहुत पसंद थी.
इरफान खान बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे. उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लिया. एडमिशन के कुछ समय बाद उनके पिता का निधन हो गया और उसके 4 दिन बाद उनकी मां का भी निधन हो गया. इरफान ने भारतीय सिनेमा में अपनी अमिट छाप छोड़ी है, जो हमेशा बनेगी रहेगी.
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FIRST PUBLISHED : April 28, 2024, 10:00 IST