ईशा बिरोरिया/ऋषिकेश: बहेड़ा एक औषधीय पौधा है, जो आयुर्वेद में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसमें विभिन्न औषधीय गुण पाए जाते हैं. यह शांति देने वाला, और रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. इतना ही नहीं यह खांसी, जुकाम, और थकान को कम करने में मदद करता है. इसका उपयोग ज्यादातर नींबू या शहद के साथ किया जाता है, जो इसके लाभों को बढ़ाता है. इसे संस्कृत में करशफल और विभीताकी के नाम से साथ ही अलग अलग राज्यों में अलग अलग नामों से जाना जाता है. इसका फल मुख्य तौर पर दवाइयां बनाने के लिए प्रयोग किया जाता है. यह बालों का सफेद होने से रोकता है. साथ ही कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए भी इसका सेवन किया जाता है.
औषधीय गुणों से भरपूर बहेड़ा
लोकल 18 के साथ बातचीत में आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. पारस ने बताया कि बहेड़ा का वानस्पतिक नाम Terminalia bellirica है. इसे बहेड़ा के साथ ही बहेरा, फिनास, बौरी और भी कई नामों से जाना जाता है. बहेड़ा, एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है. इसमें अनेक गुण होते हैं, जो अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देते हैं. यह उत्तेजनात्मक और शांति देने वाले गुणों के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. इसका सेवन खांसी, जुखाम, थकान और तनाव को कम करने में मदद करता है. इसके अलावा, यह मानसिक स्थिति को सुधारने में भी सहायक होता है.
कैसे करें बहेड़ा का सेवन
डॉ. पारस ने बताया कि बहेड़ा और शक्कर को बराबर मात्रा में मिलाकर खाने से आंखों की ज्योति बढ़ती है. इसके छाल को पीसकर मधु के साथ मिलाकर लेप करने से आंख के दर्द से राहत मिलती है. इसका तेल बालों के लिए अत्यन्त पौष्टिक होता है. इससे बाल स्वस्थ और मजबूत होते हैं. वहीं इसका सेवन दमा और खांसी में लाभ करता है. इसके छाल का चूरन मधु के साथ चाटने से हिचकी भी तुरंत दूर होती है.
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FIRST PUBLISHED : April 25, 2024, 17:04 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.