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ज्ञानवापी प्रकरण में फैसला देने के बाद चर्चा में आए जज रवि कुमार दिवाकर को पिछले कई दिन से विदेश से कॉल आ रही है। इसको लेकर उन्होंने एसएसपी को पत्र लिखकर कार्रवाई को कहा है। पत्र की एक कॉपी जिला जज को भी भेजी गई है। जज रवि कुमार दिवाकर ज्ञानवापी प्रकरण में फैसला देने के बाद चर्चा में आए थे। इन दिनों वह बरेली में फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में जज हैं।
बरेली में वर्ष 2010 में हुए दंगा केस में सुनवाई के दौरान मौलाना तौकीर रजा खां को मुख्य अभियुक्त बनाने के बाद पिछले दिनों वह दोबारा चर्चा में आ गए। इसमें उन्होंने मौलाना तौकीर रजा के वारंट जारी कर पुलिस को उन्हें गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने के निर्देश दिए थे। मगर इसके बाद केस उनकी अदालत से ट्रांसफर हो गया और फिर मौलाना को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई।
लगातार कई बार आ चुकी कॉल
इसी बीच जज रवि कुमार दिवाकर को 140 से शुरू होने वाले नंबरों से कॉल आनी शुरू हो गईं। यह सिलसिला करीब 20-25 दिन से चल रहा है। हालांकि उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की। इसको लेकर उन्होंने एसएसपी सुशील घुले को पत्र लिखकर कार्रवाई को कहा है। पत्र की एक कॉपी जिला जज को भी भेजी गई है।
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ज्ञानवापी पर फैसले के बाद मिली थी सुरक्षा
वाराणसी में ज्ञानवापी प्रकरण में फैसला देने के बाद जज रवि कुमार दिवाकर को हाईकोर्ट के आदेश पर सुरक्षा उपलब्ध कराई गई थी। यह सुरक्षा उन्हें बरेली में भी मिली हुई है। हालांकि एक बार बरेली पुलिस ने इसमें ढिलाई बरती तो उन्होंने कड़ी नाराजगी जताते हुए तत्कालीन आईजी को पत्र लिखा था, जिसके बाद उनकी सुरक्षा फिर बढ़ा दी गई।
एसएसपी, सुशील घुले ने कहा कि इस मामले में जज साहब का पत्र मिला है। साइबर सेल को मामले की जांच सौंपी गई है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।