रेणुकूट (अमिताभ मिश्रा/सर्वेश सिंह)
रेणुकूट। विश्व पृथ्वी दिवस पर हिण्डाल्को रेणुकूट, सी.एस.आर. द्वारा रीप्रिज़्म के अंतर्गत कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।इस वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस की थीम “ग्रह बनाम प्लास्टिक“ के अंतर्गत दुद्धी ब्लाक के ग्राम झारोखुर्द एवं केवाल, म्योरपुर ब्लाक के ग्राम खैराही, बभनी ब्लाक के सड़कटोला क्षेत्र एवं रेणुकूट के मुर्धवा क्षेत्र में जनजागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें 150 से भी अधिक महिला-पुरूष, युवकों एवं बच्चों ने भाग लिया।कार्यक्रम के अंतर्गत जागरूकता गोष्ठी का आयोजन कर सी.एस.आर. के कार्यकर्ताओं द्वारा सभी प्रतिभागियों को पर्यावरण सुरक्षा के अंतर्गत विशेष रूप से प्लास्टिक कचरे के कारण पृथ्वी पर बढ़ते प्रदूषण एवं जीव-जंतु पर पड़ने वाले दुश्परिणामों के बारे में जानकारी दी गई।तत्पश्चात् कार्यक्रम में उपस्थित प्रतिभागियों द्वारा पर्यावरण सुरक्षा एवं प्लास्टिक कचरे के निदान हेतु जागरुकता रैली निकाली तथा विभिन्न क्षेत्रों में फैले प्लास्टिक कचरे की सफाई कर स्वच्छता का संदेश दिया। जनजागरुकता कार्यक्रमों में संबंधित ग्राम एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की भी प्रमुख भूमिका रही।हिण्डाल्को सी.एस.आर. द्वारा जल संरक्षण के क्षेत्र में भी सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं।इसी क्रम में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर आदित्य बिड़ला रूरल टेक्नोलॉजी पार्क, म्योरपूर में जल प्रबंधन एवं संरक्षण विषय पर हिण्डाल्को क्लस्टर स्तरीय एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में हिण्डाल्को सी.एस.आर. से संबद्ध गांवो के कार्यकर्ताओ एवं जनप्रतिनिधियों को उक्त विषय में क्लासरूम तथा फील्ड स्तर पर प्रषिक्षण प्रदान किया गया।प्रषिक्षण कार्यक्रम में डॉ. सुनील कुमार जोषी (पी.एच.डी., आई.आई.टी. कानपुर) ने पूरे विश्व में जल संकट एवं उसके कारणो पर प्रकाश डालते हुए जल सरंक्षण एवं प्रबंधन पर प्रषिक्षण प्रदान किया।उन्होने उपस्थित सभी प्रतिभागियों को बताया कि वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करते हुए जल सरंक्षण हेतु आधारभूत सरंचनाओं का विकास कर जल संकट का सामना तो किया ही जा सकता है साथ ही सतत् जल प्रबंधन से हम अपने क्षेत्र को वॉटर पॉज़िटिव बना सकते हैं।उन्होने प्रतिभागियों को बताया कि जितना पानी हम उपयोग करते हैं उससे 120 प्रतिशत पानी यदि हम पुनः पृथ्वी को वापस लौटा दें तो हम अपने क्षेत्र को वॉटर पॉज़िटिव बना सकते हैं।इसके लिए उपलब्ध पानी का समुचित उपयोग तथा चेकडैम, तालाब एवं कुंआ की सहायता से जल संरक्षण को अधिक से अधिक बढ़ावा देकर लोगों को जागरुक करना होगा।जल प्रबंधन एवं संरक्षण विषय पर अधारित इस क्लस्टर स्तरीय कार्यक्रम में हिण्डाल्को, रेणुकूट से अविजित (क्लस्टर सी.एस.आर. हेड), अवनीश चौहान (क्लस्टर हेड, पर्यावरण एवं सस्टेनेबिलिटी), अनिल सिंह (पर्यावरण विभाग प्रमुख्), प्रभात द्विवेदी (अधिकारी, पर्यावरण विभाग), हिण्डाल्को रेणुसागर से अनिल झा (सी.एस.आर. प्रमुख), हिण्डाल्को महान से संजय सिंह (सी.एस.आर. प्रमुख) तथा अन्य सी.एस.आर. अधिकारियों की उपस्थिति रही।