नई दिल्ली: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने कहा कि वह “दुखी और आहत” हैं, क्योंकि जमुई में एक जनसभा में राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव के सामने जब किसी ने उनकी मां को गाली दी तब उन्होंने कुछ नहीं किया। पासवान ने कहा, ‘अगर मैं तेजस्वी की जगह होता, और अगर किसी ने उनकी मां को गाली दी होती, तो मैं उस व्यक्ति को मुंहतोड़ जवाब देता।’ चिराग पासवान पहले ही तेजस्वी यादव को पत्र लिखकर गाली देने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुके हैं, जबकि चुनाव आयोग से भी शिकायत दर्ज कराई जा चुकी है।
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए पासवान ने तेजस्वी के साथ अपने बचपन की दोस्ती के दिनों को याद किया, जब उनके पिता स्वर्गीय राम विलास पासवान और लालू प्रसाद यादव दोनों राजनीतिक सहयोगी और मित्र हुआ करते थे। चिराग पासवान ने कहा, ‘तेजस्वी मेरे छोटे भाई जैसे हैं। मेरे पिता जी के आदरणीय लालू जी से घनिष्ठ संबंध थे और दोनों साथ मिलकर काम करते थे।’
रजत शर्मा: जिनको आप इतने प्यार से भाई और मित्र बोल रहे हैं, उनकी पब्लिक मीटिंग में आपकी मां को गाली दी गई?
चिराग पासवान: ‘आज मैं दुखी हूं। आज मुझे इस बात की तकलीफ है कि जिसको मैंने हमेशा अपना छोटा भाई बोला, उसी के सामने मेरे परिवार के लोगों को गालियां दी गईं। मेरे लिए और मैं खुलकर बोलता हूं, भले मैं किसी भी अलायंस में हूं। मुझे नहीं डर लगता इस बात को कहने में कि मेरे लिए राबड़ी जी मेरी मां है, और मैं मानता हूं उनको अपनी मां। मेरे लिए मीसा दीदी, मेरी बड़ी बहन हैं। मेरे लिए रोहिणी मेरी बहन हैं। मेरा रिश्ता रहा है उस परिवार से। आज भले मैं दूसरे अलायंस में हूं, उस रिश्ते को मैंने हमेशा बनाए रखा। राजनीतिक लड़ाई मैंने बड़े मन से एक दूसरे के सामने लड़ी। पर आज जब तेजस्वी के सामने मेरे परिवार को गाली दी गई, और जिस तरीके से वह खामोश रहे, यह बात मुझे तकलीफ देती है। मैं अगर तेजस्वी की जगह होता और मेरे सामने अगर उनके परिवार के किसी भी सदस्य के बारे में इस तरीके से कहा जा रहा होता, तो मैं मुंहतोड़ जवाब देता। मैं वहीं पर कड़ा विरोध दर्ज कराता। इस तरीके की भाषा की कतई कोई गुंजाइश नहीं। आप कड़े से कड़ा विरोध मर्यादा में रहकर कर सकते हैं।’
रजत शर्मा: तेजस्वी ने कहा कि हम तो मंच पर थे, नीचे से कौन क्या बोलकर वीडियो बना देता है, हम क्या कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि मुझे तो हर रोज हजारों लोग गालियां देते हैं?
चिराग पासवान: यह तो और भी बुरा है। अब उसको जस्टिफाई कर रहे हैं। मेरी मां आपकी भी मां है। और यह बात मेरी मां या किसी और की मां की नहीं है। ये हर किसी की है। हम सब परिवार से आते हैं। हम सबकी मां, हम सबकी बहनें हैं, बेटियां हैं। अब किसी भी महिला के बारे में आप ऐसा सुन कैसे सकते हैं, और आप उसको यह कहकर जस्टिफाई कर रहे हैं कि मैंने नहीं सुना। हम लोग पोडियम पर होते हैं और लोग हमारे सामने ही नीचे होते हैं। हम जब पीएम साहब की सभा में जाते हैं, जहां पर इतना बड़ा D बना रहता है, उसके बाद भी वहां से कोई चिल्लाता है तो प्रधानमंत्री को सुनाई देता है, और वह उससे बातचीत भी कर लेते हैं। ऐसे में पहली पंक्ति में खड़ा हुआ व्यक्ति आपके सामने मां-बहन की गालियों का इस्तेमाल कर रहा है, जिसको आप दोहरा भी नहीं सकते, जिसको आप बिना बीप किए दिखा भी नहीं सकते और आप खामोशी से खड़े हैं और सुन रहे हैं।
रजत शर्मा: आपके सामने अगर कोई इस तरह तेजस्वी को गाली देता तो?
चिराग पासवान: तेजस्वी क्या, मैं किसी के लिए भी गाली नहीं सुनूंगा। मैं किसी भी इंसान के लिए नहीं सुन सकता। सभ्य समाज में गाली की कहीं कोई जगह नहीं है। मैं बार-बार कहता हूं कि आप मर्यादित शब्दों मे रहकर कड़े से कड़ा विरोध दर्ज करा सकते हैं। आप सोचिए एक व्यक्ति की इतनी हिम्मत कि तेजस्वी यादव के सामने चिराग पासवान के परिवार को गाली दे रहा है और उसका कुछ नहीं हुआ? सोचिए, वह व्यक्ति जब किसी गांव में जाएगा, वहां पर जाकर बहन, बेटी, मां के साथ न सिर्फ अभद्र भाषा का इस्तेमाल करेगा, संभवतः गलत हरकतें भी करेगा और बच जाएगा। क्यों? क्योंकि जब चिराग पासवान के लिए बोल दिया तब कुछ नहीं हुआ तो यह तो गांव की आम महिलाएं होंगी।
रजत शर्मा: बिहार के लोगों का एनालिसिस है कि यह एक यादव ने एक पासवान को गाली दी है?
चिराग पासवान: अरे यही तो डिवीजन है। मुझे बताइए कि क्या हर यादव, हर पासवान के खिलाफ है? क्या आरजेडी में पासवान नहीं हैं और बीजेपी में यादव नहीं हैं? यह वही वह बांटने की राजनीति है जिस पर ये लोग दशकों से रोटियां सेंक रहे हैं। मैं नहीं मानता कोई यादव है। मैं नहीं मानता, कोई पासवान है। मैं नहीं मानता कोई अगड़ा, कोई पिछड़ा, कोई हिंदू, कोई मुस्लिम। मैं नहीं मानता। हम सब बिहारी हैं। हम सब बिहारी अस्मिता की लड़ाई लड़ रहे हैं।
बिहार में NDA सभी 40 लोकसभा सीटें जीतेगी
एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख ने दावा किया कि बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए इस बार बिहार की सभी 40 लोकसभा सीटों पर क्लीन स्वीप करेगा। उन्होंने कहा, ‘मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बिहार में NDA 40 की 40 सीटें जीतेगा। कारण है मेरे इस दावे का। 2019 का चुनाव हम लोग मात्र 3 दल मिलकर लड़ रहे थे। भारतीय जनता पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी। हम लोगों ने तब 40 में से 39 सीटें जीती थीं। दो और ऐसे मजबूत दल जो 2019 में विपक्ष के साथ थे, जीतनराम मांझी की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी, आज की तारीख में हम लोगों के गठबंधन के साथ हैं। ऐसे में 2019 के मुकाबले 2024 में हमारे गठबंधन की ताकत बढ़ी है। ये मेरे विश्वास को बढ़ाता है कि किशनगंज की जो सीट पिछली बार हम लोग चूक गए थे, उसे भी हासिल करेंगे और NDA की 400 से ज्यादा सीटों में बिहार का 40 सीटों का योगदान होगा।’
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कभी RJD द्वारा अपने गठबंधन में शामिल होने का प्रस्ताव आया था, चिराग पासवान ने जवाब दिया: ‘न ऐसा कोई प्रस्ताव आया था, न भविष्य में ऐसे किसी प्रस्ताव की गुंजाइश है। मेरी अपनी पार्टी है। गठबंधन में रहेंगे। मजबूती के साथ रहेंगे। किसी के साथ विलय नहीं करेंगे।’
रजत शर्मा: आप कभी राहुल गांधी के साथ जाएंगे?
चिराग पासवान: कहा जाता है कि ‘You never say, Never’ लेकिन इसके लिए मैं निश्चित तौर पर कहूंगा कि कभी नहीं।
रजत शर्मा द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या एनडीए इस बार 400 सीटों का आंकड़ा पार करेगा, पासवान ने जवाब दिया: “100 प्रतिशत”।
संविधान में बदलाव
लालू प्रसाद के इस बयान पर कि अगर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने तो संविधान खत्म कर देंगे और आरक्षण समाप्त कर देंगे, चिराग पासवान ने जवाब दिया: ‘(मोदी) ऐसा क्यों करेंगे? कोई भी ऐसा क्यों करेगा? जरूरत क्या है? किस वजह से संविधान को खत्म किया जाएगा या बदला जाएगा। जो व्यक्ति इसी संविधान की वजह से गुजरात के मुख्यमंत्री रहे, दो-दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे, तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, वह संविधान को क्यों बदलेंगे? यह बाबा साहब का बनाया हुआ संविधान है। कोई मजाक थोड़ी है। और इस डर को फैलाने वाले लोग कौन हैं? जिन्होंने संविधान का गलत इस्तेमाल करके देश में आपातकाल लगाने का काम किया। जो लोग आज लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, जो लोग बोलते हैं कि देश में लोकतंत्र समाप्त हो जाएगा, तो इमरजेंसी में क्या हुआ था? आदरणीय लालू जी ने तो परिवार के बच्चों के नाम आपातकाल की धाराओं (जैसे कि मीसा) के आधार पर रखे थे। यह सिर्फ भ्रम फैलाने की आदत है। 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में भी एक बयान को पकड़कर कि आरक्षण समाप्त हो जाएगा, एक ऐसा हो हल्ला मचा दिया गया कि पूरा चुनाव उस दिशा में चला गया। तबसे 10 साल बीत चुके हैं।’
रजत शर्मा: कभी आपने इस बारे में मोदी जी से बात की है? उनकी गारंटी है कि आरक्षण कभी खत्म नहीं होगा।
चिराग पासवान: ‘मैं अपने नेता की तरह गारंटी देता हूं। हम लोग वंचित, शोषित, दलित, गरीब परिवार से आने वाले लोगों के पहरेदार हैं। मैं एक उदाहरण देता हूं। 2018 में अनुसूचित जाति/जनजाति एट्रोसिटी एक्ट को थोड़ा लचीला बनाने पर एक बहुत बड़ा मामला उठा था उस वक्त मेरे पिता रामविलास पासवान जी डटकर सरकार के सामने खड़े हो गए थे। उनको विद्रोह करना पड़ा था। लोकसभा और राज्यसभा में उस बिल को पारित करवाने के लिए सत्र को बढ़ाना पड़ा था। तो ऐसे में यह गारंटी प्रधानमंत्री की तो है ही। आज की तारीख में मैं भी गारंटी दे सकता हूं कि जब तक चिराग पासवान है, कम से कम इस बात से तो डरने की जरूरत नहीं कि किसी गरीब का कोई हक छीना जाएगा। मैं यह विश्वास दिलाता हूं।’