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समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव में खुद को ओबीसी में सिर्फ यादव जाति की राजनीति के ठप्पे से दूर रखने की कोशिश की है। ऐसा पहली बार हुआ है जबकि अब तक घोषित प्रत्याशियों में पार्टी ने अपने परंपरागत समीकरण एमवाई में एम यानी मुसलमानों को चार सीट और वाई यानी यादवों को भी चार ही सीटें दी हैं। पिछले चुनाव 2019 में बसपा से गठबंधन के तहत 36 सीटों में ही सपा ने 10 यादव प्रत्याशी दिए थे। इसमें से पांच सैफई परिवार से थे जबकि पांच यादव प्रत्याशी ऐसे थे जो परिवार से बाहर के थे। यादव समाज को टिकट देने में समाजवादी पार्टी ने कोई दरियादिली नहीं दिखाई है, इसका कारण अन्य पिछड़ी जातियों को सकारात्मक मैसेज देना रहा है। जो चार यादव चुनाव मैदान में सपा के टिकट पर हैं, वे सभी सैफई से स्व. मुलायम सिंह यादव कुनबे के सदस्य हैं।
पिछले चुनाव में 10 सीटों पर सपा से थे यादव प्रत्याशी
2019 में सपा ने वाराणसी, आजमगढ़, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, कन्नौज, झांसी, फुलपूर व फैजाबाद से यादव बिरादरी से प्रत्याशी उतारे थे। इनमें से आजमगढ़ से अखिलेश यादव और मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव ही चुनाव जीतने में सफल हुए थे। इस चुनाव में सपा ने कुल पांच सीटें जीती थीं। इस आमचुनाव की आहट के साथ ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पीडीए का नारा दिया। उन्होंने पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक को लक्ष्य कर अपनी योजनाएं आगे बढ़ाई। टिकट बंटवारे में भी सपा ने इस पीडीए को केंद्र में रखा है। पार्टी ने सबसे अधिक प्रत्याशी पिछड़े समाज से उतारे हैं। जिसमें यादव बिरादरी के प्रत्याशियों की कुल संख्या चार है। फिरोजाबाद से अक्षय यादव, मैनपुरी से डिंपल यादव, बदायूं से आदित्य यादव तथा आजमगढ़ से धर्मेंद्र यादव को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। ये चारों प्रत्याशी मुलायम सिंह यादव के कुनबे से ही हैं।
कन्नौज से भी सैफई कुनबे से ही हो सकता है कोई प्रत्याशी
कन्नौज से भी पार्टी यादव बिरादरी से ही किसी को मैदान में उतारेगी ऐसा माना जा रहा है। यहां भी सैफई कुनबे का ही कोई सदस्य प्रत्याशी बनेगा। टिकट बंटवारे के रूझानों से सपा ने साफ कर दिया है कि उनका लक्ष्य सिर्फ यादव और मुसलमान नहीं बल्कि सही मायने में ओबीसी की अन्य सभी जातियां भी हैं। इसके अलावा दलितों पर भी पार्टी का फोकस अधिक है। सपा ने अपने अल्पसंख्यक समीकरण को सधे कदमों से आगे बढ़ाने का काम किया है, कोशिश यह की है कि कहीं से इस वोट में कोई बंटवारा न हो सके।
इंडिया गठबंधन से सिर्फ सपा ने ही यादवों को दिया है टिकट
यूपी की 80 सीटों में इंडिया गठबंधन से सपा 62 कांग्रेस 17 और तृणमूल कांग्रेस को एक सीट मिली है। सपा ने अपने खाते की 62 सीटों में से 58 पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। इन सीटों पर टिकट बंटवारे में पार्टी ने अपने पीडीए (पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक) के समीकरण को ही आगे बढ़ाया है। कांग्रेस ने भी अभी घोषित प्रत्याशियों में यूपी में एक भी यादव बिरादरी के सदस्य को प्रत्याशी नहीं बनाया है।
एनडीए से निरहुआ ही हैं इकलौते यादव प्रत्याशी
एनडीए की सूची में भी यादव बिरादरी की संख्या नहीं के बराबर है। एकमात्र आजमगढ़ सीट से दिनेश लाल यादव निरहूआ को ही पार्टी ने टिकट दिया है। बसपा ने भी सिर्फ बलिया सीट से लल्लन सिंह यादव को प्रत्याशी बनाया है। कुल मिलाकर सभी दलों ने ओबीसी को टिकट देने में गैर यादव ओबीसी जातियां जैसे कुर्मी, कोईरी, निषाद, चौहान, ओबीसी वैश्य आदि जातियों पर अधिक भरोसा जताया है।