रेणुकूट (अमिताभ मिश्रा)
रेणुकूट। स्थानीय नगर पंचायत क्षेत्र में जगह-जगह कचड़ा फैलने से संक्रामक रोगों की आशंका बढ़ने लगी है।जगह-जगह गंदगी पसरी होने से स्वच्छ भारत मिशन अभियान को भी धक्का लग रहा है।साथ ही मच्छरों के पनपने से संक्रामक बीमारियों का भी खतरा बढ़ रहा है। नगर में कई स्थानों पर कई दिनों से कचरा पड़ा रहता है लेकिन उसे एक हफ्ते बाद हटाया जा रहा है जिससे लोगों के बीमार होने की आशंका बढ़ रही है।नगर में मुर्धवा मोड़ पर बिड़ला कार्बन आवासीय कॉलोनी के समीप बने कचड़ा घर में एक हफ्ते तक कूड़ा फैला रहता है और उसे नहीं उठाया जाता, एक हफ्ते तक कूड़ा फैला रहने से उधर से गुजरने वालों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है इससे संक्रामक रोगों की भी आशंका बढ़ गई है।इस कचरा घर से आसपास के रह वासियों का जीना दुबर हो गया है।स्थानीय निवासी प्रभात, राजीव, बल्ली सरदार आदि का कहना है कि कई दिनों तक कूड़ा पड़ा रहने से काफी परेशानी होती है और दुर्गंध से यहां बैठना दुभर हो जाता है इसके बावजूद नगर पंचायत इसे प्रतिदिन साफ नहीं कराता।नगर पंचायत प्रशासन स्वच्छता अभियान को लेकर गंभीरता नहीं दिख रहा है।खाड़पाथर मोड़ पर तो बड़ी मात्रा में कूड़ा वन विभाग की जमीन पर डाला जा रहा है और इसे रोकने वाला कोई नहीं है।इसकी शिकायत कई बार नगर पंचायत में की गई, परंतु अभी भी यहां प्रतिदिन कूड़ा गिराकर बड़े गड्ढे को पाटा जा रहा है।यहां गिरा रहे कूड़े से इधर से गुजरने वाले के साथ-साथ आसपास रहने वाले लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।एक तरफ तो संचारी रोगों से बचाव के लिए अभियान चलाया जा रहा है दूसरी ओर जगह-जगह कूड़ा फैलने से संक्रामक रोगों की आशंका भी बढ़ रही है।नगर का कूड़ा एमआरएफ सेंटर में ना ले जाकर आसपास के जंगलों में फेंका जा रहा है और कागज पर एमआरएफ सेंटर को चलाकर नगर पंचायत के जिम्मेदार लोग वाहवाही लूट रहे हैं।नगर के लोगों ने कहा की प्रतिमाह कचड़ा निस्तारण के नाम पर लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है परंतु नगर में स्थिति कुछ और ही है।नगरवासियों ने कूड़ा निस्तारण में हो रही लापरवाही को दूर करने की मांग की है।