हाइलाइट्स
पूजा करने से देवी-देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
सनातन धर्म में सुबह-शाम पूजा का विधान है.
Puja Karne Ke Niyam : सनातन धर्म में पूजा-पाठ के कई नियम बताए गए हैं. हर नियम का विशेष महत्व होता है. कई बार ऐसा होता है कि हम खड़े-खड़े भी पूजा करते हैं. हर पूजा का अलग विधि-विधान होता है. आमतौर पर पूजा जमीन पर बैठकर की जाती है, लेकिन जब हम किसी मंदिर में जाते हैं तो खड़े-खड़े ही भगवान को प्रणाम कर लेते हैं या फिर खड़े-खड़े ही पूजा पाठ करते हैं. अब बहुत से लोगों के मन में यह सवाल होगा कि पूजा खड़े होकर करनी चाहिए या फिर बैठकर. इन सवालों के बारे में न्यूज़18 हिंदी को विस्तार से जानकारी दी है भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा ने. आइए जानते हैं पूजा करने का सही विधान क्या है?
1. खड़े होकर पूजा करना चाहिए या बैठकर?
बहुत से लोग आज भी खड़े होकर देवी-देवताओं की पूजा करते हैं. धार्मिक नियमों के अनुसार खड़े होकर पूजा नहीं करनी चाहिए. कई बार पूजा के दौरान आप जल्दबाजी में होते हैं, जिससे आप खड़े-खड़े पूजा कर लेते हैं. पूजा करने का सही तरीका है कि आसन पर बैठकर ही पूजा करनी चाहिए. खड़े-खड़े पूजा करने से बचना चाहिए.
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2. इन बातों का रखें ध्यान
कुछ लोग अपने घर में भगवान को ऊंचाई पर रखते हैं, जिस कारण से वह खड़े-खडे़ पूजा करते हैं लेकिन यह तरीका गलत है. पूजा करने के लिए पूजाघर में आसन बिछाएं. फिर खुद को पवित्र करें और पूजा करें. पूजा करने के बाद भगवान से अपनी गलतियों की माफी मांगनी चाहिए. पूजा करने के दौरान मन में भटकाव नहीं लाएं, शांत और एक चित्त होकर पूजा करें.
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3. खड़े होकर पूजा करने से क्या होता है?
खड़े होकर पूजा करने को शुभ नहीं माना गया है. पूजा के बाद आरती के लिए आसन पर खड़े हो जाना शुभ है, लेकिन पूजा करना गलत है. पूजा करते समय पाठ भी बैठकर करना चाहिए. कभी भी खड़े होकर पाठ नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से आपको भगवान नाराज हो सकते हैं.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha, Religion
FIRST PUBLISHED : April 12, 2024, 14:17 IST