Hindus In America: अमेरिका के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में अहम योगदान के बाद भी हिंदुओं के खिलाफ नफरत लगातार बढ़ी है। अमेरिका में हिंदुओं और हिंदू धर्म के योगदानों का उल्लेख करते हुए एक प्रमुख भारतीय-अमेरिकी सांसद ने ‘हिंदूफोबिया’, हिंदू-विरोधी कट्टरता, नफरत और असहिष्णुता की निंदा करते हुए प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया है। कांग्रेस सदस्य श्री थानेदार की तरफ से पेश किए गए प्रस्ताव को सदन की निरीक्षण और जवाबदेही समिति के पास भेजा गया है।
भेदभाव का करना पड़ता है सामना
प्रस्ताव में कहा गया है कि अमेरिका में सकारात्मक योगदानों के बावजूद हिंदू-अमेरिकियों को अपनी विरासत और प्रतीकों के बारे में रूढ़िवादिता और दुष्प्रचार का सामना करना पड़ता है। वो स्कूलों और कॉलेज परिसरों में छेड़छाड़ के साथ ही भेदभाव, घृणा, और पूर्वाग्रह से प्रेरित अपराधों का सामना करते हैं। प्रस्ताव में कहा गया है कि संघीय जांच ब्यूरो (FBI) की घृणा अपराध सांख्यिकीय रिपोर्ट के अनुसार, मंदिरों और व्यक्तियों को निशाना बनाने वाले हिंदू विरोधी घृणा अपराध हर साल बढ़ रहे हैं जबकि इसके साथ ही अमेरिकी समाज में ‘हिंदूफोबिया’ (हिंदू विरोधी या हिंदुओं के प्रति घृणा की भावना) दुर्भाग्यपूर्ण रूप से बढ़ रहा है।
मंदिरों में तोड़फोड़ की बढ़ी घटनाएं
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने 1900 के बाद से दुनिया के सभी हिस्सों से 40 लाख से अधिक हिंदुओं का स्वागत किया है जिसमें विभिन्न नस्ल, भाषा और जातीय पृष्ठभूमि के हिंदू शामिल हैं। प्रस्ताव के अनुसार, अमेरिका की अर्थव्यवस्था के प्रत्येक आयाम और प्रत्येक उद्योग में हिंदू-अमेरिकियों के योगदान से देश को काफी फायदा हुआ है। ‘फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज’ के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कांड ने कहा कि इस साल की पहली तिमाही में श्रद्धालुओं को डराने के लिए अमेरिका में मंदिरों में चोरी के साथ ही तोड़फोड़ की घटनाओं में अचानक वृद्धि हुई है। (भाषा)
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