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एक से पांच तक की कक्षाओं में बीएड बनाम डीएलएड (बीटीसी) विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (यूपी-टीईटी) 2021 में सफल अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्र बंटने का रास्ता भी साफ हो गया है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से अगले सप्ताह से सभी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) को प्रमाणपत्र भेजे जाएंगे। 23 जनवरी 2022 को आयोजित यूपीटीईटी का परिणाम आठ अप्रैल 2022 को घोषित हुआ था।
कक्षा एक से पांच तक के लिए प्राथमिक स्तर की परीक्षा में सम्मिलित 11,47,090 अभ्यर्थियों में से 6,91,903 बीएड और 4,55,183 डीएलएड (बीटीसी) डिग्रीधारी थे। इनमें से 4,43,598 (38.67 या 39 प्रतिशत) अभ्यर्थी पास थे। हालांकि प्रमाणपत्र वितरित होने से पहले कुछ डीएलएड अभ्यर्थियों ने राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को आधार बनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका कर दी थी। हाईकोर्ट ने 22 मई 2022 को प्राथमिक स्तर की टीईटी के प्रमाणपत्र वितरण पर रोक लगा दी थी।
उच्च प्राथमिक स्तर के प्रमाणपत्र पहले ही डायट को बांटने के लिए भेजे जा चुके हैं। प्राथमिक स्तर की टीईटी को लेकर तस्वीर साफ नहीं थी। अब जबकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 11 अगस्त 2023 से पहले नियुक्त बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति पर संकट नहीं है तो प्राथमिक स्तर के प्रमाणपत्र भी भेजने का फैसला किया गया है। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी के अनुसार अगले सप्ताह से प्राथमिक स्तर की टीईटी के प्रमाणपत्र वितरण के लिए भेजे जाएंगे।