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मुख्तार अंसारी की फातिहा रस्म में शरीक होने के लिए अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से गाजीपुर स्थित उसके घर रवाना कर दिया गया है। मंगलवार की दोपहर ही सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास की याचिका पर उसे अंतरिम जमानत पर गाजीपुर जाने की इजाजत देते हुए जेल प्रशासन को आदेश दिया था। अब्बास ने चार दिन का समय मांगा था लेकिन उसे तीन दिन के लिए इजाजत मिली है। मंगलवार की शाम पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच उसे जिला कारागार से गाजीपुर ले गई। मुख्तार अंसारी की 10 अप्रैल को पैतृक गांव में फातिहा रस्म है।
मंगलवार दोपहर सुप्रीम कोर्ट से आदेश होते ही जिला कारागार प्रशासन को विधायक अब्बास अंसारी के गाजीपुर भेजने का आदेश मिल गया। जेल प्रशासन ने आदेश के अनुपालन के बाद औपचारिकताएं पूरी करने के बाद शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच गाजीपुर भेज दिया। न्यायिक हिरासत में रहने के दौरान 28 मार्च को उत्तर प्रदेश में बांदा के एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से मुख्तार अंसारी की मृत्यु हो गई थी। अब्बास की तरफ से जनाजे में शामिल होने के लिए भी अर्जी लगाई गई थी लेकिन उस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी।
विधायक अब्बास इस समय कासगंज की जेल में निरुद्ध है। उसने पिता की फातिहा रस्म में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष आई। पीठ ने कहा कि रस्म में शामिल होने की अनुमति देने से इनकार करने का कोई कारण नहीं है। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि अब्बास अंसारी को कासगंज जेल से पर्याप्त सुरक्षा के साथ पुलिस हिरासत में उसके पैतृक निवास स्थान गाजीपुर ले जाया जाए।
13 अप्रैल को वापस जेल लाया जाएगा
कासगंज। अदालत ने राज्य पुलिस प्रमुख को यह सुनिश्चित करने को कहा कि कार्यक्रम शांतिपूर्वक संपन्न हो। पीठ ने कहा कि अब्बास अंसारी को 11 और 12 अप्रैल को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की अनुमति दी जाए। न्यायालय ने कहा कि उसे 13 अप्रैल को वापस कासगंज जेल लाया जाए।