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BRD Medical College: बीआरडी मेडिकल कॉलेज का फार्मोकोलॉजी विभाग अचानक सुर्खियों में आ गया है। इस विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अनिल कुमार, दो रेजिडेंट चिकित्सकों के अलावा 35 अन्य जूनियर डॉक्टरों पर चिलुआताल थाने में गंभीर धाराओं में पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। सभी डॉक्टरों पर कैंपस के बाहर दवा की दुकान में मारपीट और लूट का आरोप लगा है। मुकदमा दर्ज होने की सूचना मिलने के बाद सोमवार को कॉलेज के प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल विभाग में पहुंचे। यहां उनसे रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टरों ने मुलाकात की। उन्होंने प्राचार्य से कहा कि इस मामले में बेवजह फंसाया जा रहा है। वे पूरी तरह बेकसूर हैं।
तीन सदस्यीय कमेटी करेगी जांच
प्राचार्य ने बताया कि इस मामले में फार्माकोलॉजी विभाग के शिक्षक पर कई संगीन आरोप लगे हैं। उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हो गया है। इसको देखते हुए डॉ. शैला मित्रा की अगुवाई में तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया है।
वायरल हो रही चिट्ठी
कैंपस में इस समय माहौल बेहद गर्म है। शुक्रवार को फार्माकोलॉजी के शिक्षक का कर्मचारी से विवाद हो गया था। बताया जाता है कि शिक्षक ने कर्मचारियों को पीट दिया था। जवाब में कर्मचारियों ने भी शिक्षक पर हमला किया था। अब एक पत्र शिक्षक के नाम से व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा है। पत्र में तीन कर्मचारियों पर कथित चिकित्सक ने मारपीट का आरोप लगाया। हालांकि पत्र के सत्यता की पुष्टि हिन्दुस्तान नहीं कर रहा है। पत्र में किसी के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। इस पत्र को लेकर कर्मचारियों ने प्राचार्य से शिकायत की है। प्राचार्य डॉ रामकुमार जायसवाल ने कहा कि कमेटी को इसकी भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।
बच्चों के पीटीएम में था, कर दिया नामजद
इस मामले में नामजद आरोपी हुए डॉ. कृष्ण कुमार ने खुद को बेगुनाह बताया। उन्होंने कहा कि इस मामले में फंसाया गया है। घटना वाले दिन वह बच्चों के स्कूल में थे। स्कूल में पेरेंट्स टीचर मीटिंग (पीटीएम) में शामिल हुए। स्कूल से इसके साक्ष्य लिए जा सकते हैं।