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Lok Sabha Election: तपती दोपहरी लोगों को ही नहीं राजनैतिक दलों, नेताओं और चुनाव आयोग को भी बेचैन कर रही है। उनकी चिंता यह है कि भीषण गर्मी के चलते यदि उनके समर्थक वोटर घरों से नहीं निकले, तो क्या होगा? भारतीय जनता पार्टी ने इसके लिए रणनीति तय कर ली है। पार्टी अपने समर्थक वोटरों को हर हाल में सुबह 11 बजे से पहले मतदान कराएगी। केंद्रीय गृहमंत्री और पार्टी के मुख्य चुनावी रणनीतिकार अमित शाह ने प्रदेश इकाई को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। अब भाजपाई चुनावी तिथियों में सुबह तड़के से ही वोटरों के द्वार पर दस्तक देंगे।
मार्च के अंत से ही तापमान 40 डिग्री पहुंचने लगा था। केंद्र सरकार ने फरवरी में ही राज्यों को चेताया था कि इस साल मार्च से ही गर्मी की तपिश तेज होने लगेगी। वही हुआ भी है। उधर, यूपी में सभी सात चरणों में चुनाव होने हैं। मार्च से ही गर्मी अपने तेवर दिखाने लगी है जबकि अंतिम चरण का मतदान तो एक जून को होना है। तब तक सूरज की तपिश और बढ़ेगी। ऐसे में चुनाव आयोग से लेकर राजनैतिक दलों की चिंता बढ़ गई है। आयोग का फोकस अधिकाधिक मतदान पर है। मगर गर्मी का यही हाल रहा तो 2019 के आंकड़े तक पहुंचने में भी पसीने छूटेंगे।
बूथ-पन्ना समितियों संग आरएसएस भी जुटेगा
इधर, भाजपा ने इस समस्या से निपटने को अपने समर्थक मतदाताओं को सुबह जल्दी बूथों तक पहुंचाने की रणनीति बनाई है। पहले चरण में 19 अप्रैल को होने वाले मतदान से ही इस रणनीति पर अमल शुरू हो जाएगा। आरएसएस, भाजपा और उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी मतदान के दिन सुबह वोटिंग शुरू होने से पहले ही लोगों के दरवाजे खटखटाएंगे। उन्हें गर्मी बढ़ने से पहले ही जल्दी मतदान करने के लिए प्रेरित करेंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो हर हाल में भाजपा के प्रभाव वाले मतदाताओं को 11 बजे से पहले मतदान कराना है।
इसके लिए बूथ और पन्ना समितियों को प्रमुख जिम्मेदारी दी गई है। दरअसल, पन्ना प्रमुख और उसके सहयोग के लिए लगाए गए लोगों के पास एक-एक वोटर का नाम, पता, मोबाइल नंबर अपडेट हैं। उन्हें यह भी अंदाजा है कि पार्टी की रीति-नीति से प्रभावित वोटर कहां-कहां हैं। इस मुहिम में संघ के लोगों की भी पूरी मदद ली जाएगी। संघ पहले से भी वोटरों को घरों से निकलवाने में भाजपा की मदद करता रहा है।