जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव 2024 का पहला चरण करीब आ रहा है, वैसे-वैसे नेताओं द्वारा महिलाओं पर टिप्पणी भी बढ़ती जा रही है। हाल के ही एक कार्यक्रम में कांग्रेस के महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने मथुरा की सांसद हेमा मालिनी पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की। सुरजेवाला ने हरियाणा के कैथल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, “लोगों को एमएलए एमपी क्यों बनाते हैं ताकि वो हमारी (जनता) आवाज संसद में उठा सकें, हमारी बात मनवा सकें इसीलिए बनाते हैं। कोई हेमा मालिनी तो है नहीं कि ‘चाटने’ के लिए बनाते हों।”
आगे रणदीप सुरजेवाला ने कहा,”हम तो हेमा मालिनी का भी सम्मान करते हैं वो धर्मेन्द्र के यहां शादी कर रखी है जो बहू है हमारी। ये लोग कोई फ़िल्म स्टार तो हो सकते हैं। लेकिन कोई मुझे या गुप्ता जी को इसीलिए आप सांसद-विधायक बनाते हैं ताकि हम लोग आपकी सेवा कर सकें।” हालांकि सुरजेवाला ने इसपर अपनी सफाई देते हुए कहा कि भाजपा की IT Cell को काट-छांट, तोड़-मरोड़, फ़र्ज़ी-झूठी बातें फ़ैलाने की आदत बन गई है।
मंत्री दयाशंकर सिंह ने दिया था शर्मनाक बयान
ये कोई पहला मौका नहीं है जब किसी नेता ने महिलाओं को लेकर ऐसी विवादित टिप्पणी की हो। ऐसे ही एक अभद्र टिप्पणी यूपी सरकार में मौजूदा ट्रांसपोर्ट मंत्री दयाशंकर सिंह ने साल 2016 में किया था। दयाशंकर ने मीडिया के कैमरे के सामने उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती पर बेहद शर्मनाक बयान दिया था।
“उनका चरित्र वेश्या से भी बदतर”
दयाशंकर सिंह ने मऊ जिले में जुलाई 2016 में मीडिया के सामने कहा था, “मायावती का वजूद अब समाप्त हो रहा है, काशीराम जी ने जो पार्टी बनाई थी, जो सपना काशीराम जी ने देखा था उसे मायावती चूर-चूर कर रही हैं। आज मायावती टिकटों की बिक्री इस तरह कर रही हैं यदि एक वेश्या किसी पुरुष के साथ कान्ट्रैक्ट करती है तो जब तक पूरा नहीं करती है वो नहीं तोड़ती है, लेकिन प्रदेश की इतनी बड़ी नेता, 3-3 बार की मुख्यमंत्री मायावती जी किसी को 1 करोड़ रुपया में टिकट देती हैं, और कोई 1 घंटे बाद 2 करोड़ देने वाला मिलता है तो उसे टिकट दे देती हैं और शाम को अगर कोई 3 करोड़ देने वाला मिलता है तो उसे दे देती हैं।” आगे कहा था कि आज उनका चरित्र वेश्या से भी बदतर है। इस बयान के बाद देश के कई राज्यों में बवाल मच गया था।
बीजेपी ने लिया था 24 घंटे के अंदर एक्शन
इसके बाद इस बयान पर मायावती नाराज हो गई थी और बसपाइयों ने लखनऊ में बैनरों पर दयाशंकर की बहन, बेटी और मां को लेकर आपत्तिजनक बातें लिखी थी। इसे लेकर मायावती ने राज्यसभा में भी इस पर हंगामा काटा था। इसके बाद बीजेपी ने 24 घंटे के भीतर दयाशंकर पर एक्शन लेते हुए उन्हें 6 सालों के लिए पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया और उनकी पत्नी स्वाती सिंह को महिला प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था। इसके बाद दयाशंकर ने इसके लिए माफी भी मांगी थी।
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