चोपन (मनोज चौबे)
चोपन। नगर के जामा मस्जिद में हाफीज व कारी परवेज साहब क़िब्ला ने मंगलवार की देर शाम खतमे तरावीह (एक कुरान) मुकम्मल कराई, वहीं तरावीह मुकम्मल होने के बाद जामा मस्जिद में सभी मुस्लिम बन्धुओ ने हाफ़िज़ व कारी परवेज साहब क़िब्ला को फूल माला पहनाकर इस्तकबाल किया।इस दौरान जामा मस्जिद के पेश इमाम मौलाना सद् दाम हुसैन कादरी ने फरमाया कि रमजान उल मुकद्दस का महीना बड़ा बरकत वाला महीना होता है।इसमें हम सब जितनी इबादत करें उतनी कम है।इस पाक महीने में कुरान की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करें और अल्लाह हमें कुरान सुनाने की और सुनने की तौफीक अता फरमाए।वहीं हाफीज व कारी परवेज साहब क़िब्ला ने बयान करते हुए फरमाया कि इस खास महीने मे मुसलमान अल्लाह के बंदे ज्यादा से ज्यादा रोजे रखे और इस वक्त हमारा अल्लाह तआला सख्त इम्तिहान ले रहा है।जो भी मुसलमान बंदा इतनी शिद्दत से गर्मी में रोजे रखता है अल्लाह तआला उसकी हर जायज मुरादें पूरी कर देता है और उसके गुनाह माफ कर दिए जाते हैं।इसलिए हम मुसलमानों को चाहिए कि रमजान मुकद्दस के महीने में ज्यादा से ज्यादा रोजे रखें और कुरान की तिलावत ज्यादा से ज्यादा करें।वहीं इस खास मौके पर जामा मस्जिद के सदर हाजी सरफराज अहमद ने कहा कि रमजानुल मुकद्दस का पाक महीना रहमतों व बरकतो वाला महीना होता है इस महीने में अल्लाह रब्बुल इज्जत रोजेदारों के ऊपर बेशुमार रहमते नाजिल फरमाता है। तत्पश्चात जामा मस्जिद के सदर हाजी सरफराज अहमद व सेक्रेटरी महफुज आरिफ ने पूरे आवाम की तरफ से परवेज साहब क़िब्ला को फूल माला पहनाकर अंग वस्त्र व नजराना दिया।वहीं अन्त में सभी मुस्लिम बन्धुओं ने रो- रोकर अल्लाह की बारगाह में मुल्क की सलामती व अमन चैन की दुआए मांगी।इस मौके पर हाजी मुख्तार अहमद, रियाज अहमद, इंदू भाई सर्राफ, डां मुन्ना, डां जावेद अख़्तर, अनवर कुरैशी, राजू खान, अत्तहर कुरैशी, भाईजान, सलीम कुरैशी, चिराग अली, रिजवान अहमद, नसरे आलम, इस्तियाक अहमद, आफताब, सरफुद्दीन, असलम सहित सैंकड़ों की संख्या में मुस्लिम बन्धु मौजूद रहे।वहीं इस खास प्रोग्राम का संचालन जामा मस्जिद के पेश इमाम सद्दाम हुसैन कादरी ने किया।