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संसद की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते स्थानीय सांसद सतीश गौतम ने दसवीं से ग्रेजुएट का सफर तय करने वाले गिने-चुने लोगों की फेहरिस्त में अपना नाम लिखाया है। साल 2014 में देश की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचने के बाद सतीश गौतम ने 2019 में अपनी दूसरी पारी में बारहवीं और फिर प्रथम श्रेणी में बीए की डिग्री प्राप्त करके अपने अधूरे सपने को पूरा किया। खास बात यह है कि पार्टी ने इस बार भी लगातार तीसरी बार उन पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है।
51 वर्षीय गौतम ने वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में पहली बार भाजपा की टिकट पर अलीगढ़ संसदीय सीट पर चुनाव लड़ा था। चुनाव के समय दाखिल किए गए नामांकन पत्र के साथ जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए। उसमें शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल दर्शाई गई। वर्ष 1988 में मथुरा के एक स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा सेंकेंड डिविजन से पास की थी। चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद पहली बार लोकतंत्र के मंदिर कहे जाने वाले संसद भवन में पहुंचे।
वर्ष 2019 के सियासी महासमर में एक बार फिर से वह भाजपा की टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे। इस चुनाव में भी शैक्षिक योग्यता हाईस्कूल ही थी। दूसरी बार जीत कर सांसद सतीश गौतम ने हाईस्कूल किए जाने के 31 साल बाद यानि 2019 में ही राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से इंटर किए जाने के लिए फार्म भरा। वर्ष 2020 में सांसद इंटरमीडिए हो गए।
2023 में मेरठ की सुभारती यूनिवर्सिटी से बीए पहली श्रेणी में उत्तीर्ण की
हाईस्कूल पास से सांसदी का सफर शुरू करने वाले सतीश ने स्वयं को शिक्षित करने की ठानी और वर्ष 2021 में मेरठ स्थित स्वामी विवेकानंद सुभारती युनिवर्सिटी से डिस्टेंस एजुकेशन के जरिए बीएम का फार्म भरा। बीए में सांसद ने हिन्दी, राजनीतिक विज्ञान, समाजशास्त्र में इंडियन रुरल सोसाइटी एंड अर्बन सोसाइटी, सोशल पॉलिसी एंड प्लानिंग, इंटरनेशनल रिलेशन, द यूनाईटेड नेशन, विशेष साहित्यकार कवि अज्ञेय, हिन्दी उपन्यास प्रेमचंद्र पर विशेष अध्ययन को चुनाव। सितंबर 2023 में सांसद ने बीए की परीक्षा उत्तीर्ण की।
शिक्षा ही नहीं बढ़ी, संपत्ति भी बढ़ी
सतीश गौतम की पहली बार सांसद बनने से दूसरी बार तक के सांसद का चुनाव लड़ने के सफर तक संपत्ति में खूब इजाफा हुआ। चुनाव आयोग द्वारा जारी रिकार्ड के अनुसार सांसद की चल-अचल संपत्ति में दुगने की प्रगति हुई। अब 2024 के चुनाव मैदान में ताल ठोंकने के बाद उनकी संपत्ति में कितना और इजाफा हुआ है। यहां आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।
-2014 में परिवार की चल-अचल सम्पत्ति-5.21 करोड़
-2019 में परिवार की चल-अचल सम्पत्ति-10.95 करोड़
भाजपा प्रत्याशी, सतीश गौतम ने कहा कि ज्ञान प्राप्त करने की, सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। जब हमें किसी विषय के बारे में जानकारी ज्यादा होगी तो उस क्षेत्र में हम पहले की तुलना में अधिक बेहतर तरीके से कार्य कर सकते हैं। इस बात को ही ध्यान में रखते हुए हाईस्कूल के आगे की पढ़ाई करते हुए स्नातक की है।