शिखा श्रेया/रांची.कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि मेरी किस्मत इतनी खराब क्यों है? उसकी किस्मत इतनी अच्छी कैसे है? मेरे भाग्य में यह क्यों नहीं लिखा है? लोग ये भी सोचते हैं आखिर ये भाग्य या किस्मत कैसे बनती है. यह प्रकृति तय करती है या फिर इसमें व्यक्ति की खुद कोई भूमिका होती है.
झारखंड की राजधानी रांची के ज्योतिष आचार्य संतोष कुमार चौबे (रांची यूनिवर्सिटी से ज्योतिष शास्त्र में गोल्ड मेडलिस्ट) ने लोकल 18 से कहा कि कई बार लोगों के मन में यह सवाल उठते हैं कि यह भाग्य और किस्मत क्या है?.मैं इतना बदकिस्मत क्यों हूं?. इसमें प्रकृति का कोई रोल नहीं होता है. बल्कि, प्रकृति वही आपको लौटा देता है जो आप इस समाज या किसी दूसरे को देते हैं.
कैसे बनता है किस्मत या भाग्य
संतोष कुमार चौबे ने आगे कहा कि किस्मत और भाग्य कोई दो चीज नहीं है.बल्कि यहा एक ही चीज है. आप इसे किसी भी नाम से पुकार सकते है. यहां तक बात है . इसके निर्माण का है. दरअसल, पिछले जन्म में आप जैसा कर्म करते हैं, आपको इस जन्म वैसा ही फल मिलता है. जैसे अगर आपने पिछले जन्म में किसी को बहुत सताया होता या फिर किसी को बेमतलब का टॉर्चर किया होगा तो इस जन्म आपको कोई ऐसा पति मिल जाएगा जो आपको पूरी जिंदगी टॉर्चर करेंगा. आपकी जिंदगी नर्क बना देगा. इसमें आप देख सकते हैं कि प्रकृति में कुछ नहीं किया है. बल्कि, आपने जो दूसरे को दिया है. वहीं, प्रकृति ने आपको लौटा दिया है. यही प्रकृति का नियम है. जो आप दीजिएगा वही आपको मिलेगा. इसी को हम भाग्य या फिर किस्मत कहते हैं. इसीलिए कभी कोई बच्चा जन्मजात ही करोड़पति होते हैं. क्योंकि, पिछले जन्म में उन्होंने कोई बहुत बड़ा त्याग समाज के लिए या फिर परिवार के लिए किए होते हैं.
अपना भाग्य अपने हाथ में होता है
संतोष कुमार ने बताया कि लोग अपना भाग्य अपने हाथों से ही निर्माण करते हैं. आपकी परिस्थिति चाहे जो भी हो अगर ईमानदारी से जिंदगी जीते हैं. हमेशा सकारात्मक रहकर दूसरों की जिंदगी में भी सकारात्मक चीज़े करते हैं. झूठ, चोरी या फिर धोखे जैसी चीजों से कोशो दूर रहते हैं. तो यह आपका अच्छा कर्म आगे चलकर आपकी अच्छी किस्मत का निर्माण करेगा.
.
Tags: Astrology, Jharkhand news, Latest hindi news, Local18, Ranchi news
FIRST PUBLISHED : March 25, 2024, 11:46 IST