नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव में वामपंथी संगठनों ने बाजी मार ली है और आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को बड़ा झटका लगा है। चार साल के अंतराल के बाद हुए चुनावों में अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसए) के धनंजय ने 2,598 वोट हासिल करके जेएनयूएसयू अध्यक्ष पद का चुनाव जीता। वहीं एबीवीपी के उमेश सी अजमीरा ने 1,676 वोट हासिल किए।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के अविजीत घोष ने एबीवीपी की दीपिका शर्मा को हराकर उपाध्यक्ष पद पर जीत हासिल की। वाम समर्थित बीएपीएसए उम्मीदवार प्रियांशी आर्य ने एबीवीपी के अर्जुन आनंद को हराकर महासचिव पद जीता।
बता दें कि चुनाव समिति द्वारा वामपंथी संगठनों की उम्मीदवार स्वाति सिंह का नामांकन रद्द किए जाने पर वामपंथी संगठनों ने अपना समर्थन प्रियांशी आर्य को दिया था। संयुक्त सचिव पद पर वामपंथी संगठनों के उम्मीदवार मोहम्मद साजिद ने एबीवीपी के गोविंद को हराकर जीत हासिल की।
जीत के बाद क्या बोले छात्र नेता?
नवनिर्वाचित जेएनयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा, ‘यह छात्रों की जीत है। छात्रों ने धोखाधड़ी और सरकार द्वारा फंड में कटौती के खिलाफ होकर लेफ्ट को चुना है। जेएनयू के नवनिर्वाचित उपाध्यक्ष अविजीत घोष ने कहा, ‘जेएनयूएसयू के चुनाव ऐतिहासिक हैं, यह चार साल बाद हो रहे हैं। जेएनयूएसयू ने हमेशा छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी है। (इनपुट: भाषा)
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